शासन के निर्देश पर हर वर्ष पर्यावरण संरक्षण के लिए पौध रोपण करा रहा प्रशासन

असोथर फतेहपुर शासन के निर्देश पर प्रशासन की ओर से पर्यावरण संरक्षण को पौधारोपण करा रहा है। समाजसेवी संस्थाएं भी लोगों को जागरूक कर रही हैं। इसके बावजूद लकड़ी माफिया नहीं मान रहे हैं। पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से लगातार हरे पेड़ों का कटान हो रहा है। जब मामला वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच जाता है तो थोड़ा-बहुत जुर्माना लगाकर मामला रफादफा कर दिया जाता है।
क्षेत्र के गांव सातों धरमपुर से बरेड़ा निचली गंगा नहर रोड को जाने वाले सड़क के कुछ दूरी पर महुए के बाग के किनारे आम और खेत में खड़े तीन महुए के फलदार वृक्षों को मंगलवार शाम लकड़ी ठेकेदार द्वारा काटे गए पेड़ो का वीडियो वायरल हुआ। मामले की सूचना अधिकारियों को भी दी गई, लेकिन अधिकारियों ने जानकारी न होने की बात कही। ग्रामीणों ने बताया कि थाना क्षेत्र से सैकड़ों आम, महुआ, गूलर, शीशम इत्यादि के बाग व खेतों से लकड़ी ठेकेदार पेड़ काट कर ले जा चुके हैं। कोई कार्रवाई न होने से इनके हौसले बुलंद हैं। पुलिस शिकायतकर्ता को ही हड़काती है। जिससे अब कोई शिकायत भी नहीं करता। शासन लाखों रुपये खर्च कर पेड़ लगवा रहा है तथा अन्य लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है। क्षेत्रीय पुलिस व वन विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से पेड़ों का कटान हो रहा है।
बोले जिम्मेदार
थाना प्रभारी विनोद कुमार मौर्य ने बताया कि पेड़ काटे जाने की सूचना नहीं है, जानकारी कराकर कार्रवाई की जाएगी।
हसवा ब्लॉक वन विभाग के दरोगा ब्रजेश कुमार यादव ने बताया कि ऐसी कोई सूचना नहीं मिली है। और न ही परमीशन दिया गया है। मौके पर कर्मचारियों को भेजकर जांच करवाई जाएगी।
इनसेट
वहीं लकड़ी ठेकेदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की पहले थाना पुलिस को हिस्सा पहुंचा देते हैं। उसके बाद ही कटान शुरू करते हैं। वन विभाग के कर्मचारी व अधिकारी भी खर्चा लेते हैं। जब मामला बड़े अधिकारियों के संज्ञान में पहुंच जाता है तो मामूली जुर्माना लगा दिया जाता है।

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