फतेहपुर। सरकारी व्यवस्था से परेशान होकर सेवानिवृत्त संग्रह चपरासी ने फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर लिया। स्वजन का आरोप था कि राजस्व व चकबंदी विभाग के अधिकारियों के व्यवहार से परेशान होकर खुदकुशी कर ली है। घटना कोतवाली क्षेत्र के पाई गांव की है। क्षेत्र के पाई गांव निवासी 74 वर्षीय रविकरन सिंह उर्फ मक्खन, राजस्व विभाग में संग्रह चपरासी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। गांव के बाहर ही उन्होंने अपनी भूमिधरी के एक हिस्से में निजी गौशाला बना रखी थी। भूमिधरी में कुछ विवाद था, जिसका समाधान कराने के लिए वह बीते दो वर्षों से सही नाप-जोख की मांग कर रहे थे। प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तर में अक्सर चक्कर काटते रहते थे। 15 जून को आयोजित हुए संपूर्ण समाधान दिवस में भी सेवानिवृत्त संग्रह चपरासी अपनी शिकायत लेकर गया था। जहां चकबंदी विभाग के अधिकारी, कर्मचारियों पर उन्होंने मनमानी ढंग से चकों का वितरण किए जाने का आरोप लगाया था। संपूर्ण समाधान दिवस प्रभारी ने रिटायर्ड कर्मचारी की बातों को अनसुना कर दिया। आरोप है कि शिकायत सुन रहे अधिकारी ने उनके साथ अभद्रता की। इसी से परेशान होकर उन्होंने मंगलवार देर रात गौशाला में पड़े छप्पर में बांस की फंटी में ही गमछा के सहारे फांसी लगा ली। सुबह ग्रामीणों को घटना की जानकारी हुई तो भीड़ एकत्र हो गई। कोतवाली प्रभारी तेज बहादुर सिंह के साथ सीओ ब्रजमोहन राय मौके पर पहुंचे। पुलिस ने शव को कब्जे में लेना चाहा तो पारिवारिक लोगों ने विरोध करते हुए उन्हें मना कर दिया। दो बेटे बाहर रहते हैं, जिनका कहना था जब तक गांव नहीं पहुंच जाते हैं कोई कार्यवाई नहीं होगी। स्वजन का कहना था जिन अधिकारी, कर्मचारियों के कारण उनके घर में मुखिया को जान देना पड़ा, सभी के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होनी चाहिए। खखरेड़ू, किशुनपुर तथा अन्य थानों का फोर्स मौके पर बुलाया गया है। स्वजन को समझाने का प्रयास पुलिस की ओर किया जा रहा है। अभद्रता का आरोप गलत: एसडीएम, एसडीएम अतुल कुमार का कहना था कि सेवानिृत्त कर्मचारी के भूमि विवाद का मामला चकबंदी में चल रहा था। 15 जून संपूर्ण समाधान दिवस में वह शिकायत लेकर आए थे। यही बात उन्हें समझाई गई थी कि मामले का निस्तारण चकबंदी से होगा। विवाद का निस्तारण भी 17 दिसंबर को हो चुका है। अभद्रता किए जाने का आरोप गलत है।
पुराने नक्शे में है डामर सड़क: सीओ, चकबंदी सीओ रवींद्र नाथ पांडेय का कहना था रविकरन सिंह जिस भूमिधरी से डामर सड़क को हटाने की बात कहते थे, वह पुराने नक्शे में है। क्षेत्रीय लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर उनके वाद का निस्तारण दिसंबर 2023 में किया जा चुका है। वह बीते संपूर्ण समाधान दिवस में भूमिधरी से उसी सड़क को हटाए जाने की शिकायत लेकर आए थे।