शिक्षा के मंदिरों को बनाया लूटपाट केंद्र गरीब की पहुंच से दूर हो रही शिक्षा
लुट रहे हैं अभिवावक, स्कूलो में काफी किताब के पैकेज
🖋️ पवन कुमार श्रीमाली🖋️
मानव जीवन के लिए जहां एक तरफ शिक्षा जरूरी है वही सरकार के द्वारा आए दिन आने वाली पीढियां के लिए शिक्षा की व्यवस्था के लिए तरह-तरह के भरसक प्रयास किया जा रहे हैं परंतु प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से कहीं ना कहीं बच्चों की शिक्षा दिन-ब-दिन प्रभावित होती जा रही है प्राइवेट विद्यालयों का आलम यह है कि प्रतिवर्ष एडमिशन व कॉपी किताब के बढ़ते हुए रेट प्रति वर्ष स्कूल की ड्रेस चेंज करना अध्ययन के लिए इस्तेमाल होने वाली किताबें को चेंज करना आदि कई तरह की प्राइवेट विद्यालयों के द्वारा मनमानी की जा जाने से कहीं न कही गरीब की पहुंच से शिक्षा दूर होती जा रही है समय रहते अगर सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर शिकंजा नहीं कसा तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य खतरे में है शिक्षा के व्यवसायीकरण पर अंकुश नहीं लग पा रहा शासन से पब्लिक स्कूल के लिए जारी निर्देशों को फतेहपुर जिले में हवा में उड़ाया जा रहा है स्कूलों में ना तो फीस में लगाम है और ना ही अनावश्यक पुस्तकों का बोझ कम किया जा रहा है
नया शिक्षा सत्र शुरू होते ही शहर समेत ग्रामीण अंचलों के कई स्कूलों में छात्र-छात्राओं को कॉपी किताबों का बस्तर दिया जा रहा है और कहीं ना कहीं अधिक कीमत चुकाने को मजबूर अभिभावकों को जेब ढीली करनी पड़ रही है नए शिक्षाशास्त्र का आगाज 1 अप्रैल से हो चुका है अभिभावकों को अपने बच्चों की शिक्षा को लेकर मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है बावजूद इसके पब्लिक स्कूलों में कोई अंकुश नहीं लग पाया मनमानी फीस के साथ कई स्कूल संचालक अपने स्कूल से कॉपी किताबों का बस्ता बेच रहे हैं जिनमें मनमानी कीमत वसूलने का खेल धड़ले से चल रहा है पूरे जनपद में ग्रामीण अंचल इलाकों से लेकर शहर के कई स्कूलों में यह धंधा खूब चल रहा है बीते वर्षों के स्कूल से बस्तर देने की बात को लेकर अभिभावक संघ ने काफी हल्ला भी किया था बावजूद इसके प्रशासनिक मशीनरी गंभीरता नहीं दिख रही है कहीं स्कूल से ही यूनिफॉर्म समेत अन्य सामग्री खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है तो कहीं निर्धारित दुकानों से काफी किताबों को खरीदने का को बाध्य किया जाता है
किताबों के ये पैकेज
नर्सरी ————- 2615रुपये
कक्षा एक ——- 4092 रुपये
कक्षा दो ———-4435 रुपये
कक्षा तीन ——- 4553 रुपये
कक्षा चार——- 4595 रुपये
कक्षा पांच ——- 4946 रुपये
कक्षा छह ——– 5254 रुपये
कक्षा सात——- 5420 रुपये
कक्षा आठ ——- 5552 रुपये