देश के आमदनी का आधा हिस्सा लड़ाई के बजाय बच्चों के विकास खाने-पीने चाल चलन सुधारने में खर्च हो

बाराबंकी उत्तर प्रदेश महान समाज सुधारक, त्रिकालदर्शी महापुरुष, पूरे समर्थ सन्त सतगुरु दुखहर्ता उज्जैन वाले बाबा उमाकान्त जी महाराज जी ने अधिकृत यूट्यूब चैनल जयगुरुदेवयूकेएम पर लाइव प्रसारित सन्देश में बताया कि हमारे गुरु महाराज पूरे सन्त थे। उनकी एक भी बात गलत नहीं हो सकती है। आपको मैं बताऊंगा, थोड़े समय के लिए कलयुग जाएगा, सतयुग आएगा लेकिन मरेंगे बहुत क्योंकि जब युग बदलता है तो बहुत मरते हैं, बहुत जनधन की हानि होती है। आदमी जानवरों रुपया पैसा सोने चांदी की हानि होती है। जैसे सोने की लंका खत्म हो गई, जैसे रावण के एक लाख लड़के सवा लाख नाती थे, सब खत्म हो गए। त्रेता गया तब बहुत मरे। द्वापर गया तो बहुत मरे। 11 अक्षौहिणी सेना महाभारत में, 56 करोड़ यदुवंशी खत्म हो गए। लड़ाई में बहुत नुकसान होता है इसीलिए मैं बराबर अपील करता रहता हूं देश-विदेश के जिम्मेदारों से, लड़ाई से बचो। लड़ाई का उपकरण आप मत बनाओ। विश्व के जितने भी जिम्मेदार हो, एक जगह बैठ करके ऐसी शांति की नीति बनाओ जिससे लड़ाई नाम की चीज ही खत्म हो जाए, लड़ाई का हथियार बनाना ही न पड़े। जो पैसा, देश की आमदनी का आधा हिस्सा लड़ाई में खर्च होता है, वो देश के विकास में, बच्चों के चाल-चलन को सुधारने में खर्च हो, उनके खाने-पीने, उन्हें स्वस्थ बनाने में खर्च हो तो देश बहुत विकास कर जाए, लोग दिल-दिमाग मस्तिष्क से तंदुरुस्त हो जाएं। लड़ाई में बहुत मरते हैं। बताने की जरूरत है। अपने-अपने तौर तरीके से बराबर प्रचार प्रसार करते रहो।

इंसान नशा करके पागल जैसा हो रहा मौत के कगार पर खड़ा, इनको बचाओ

भक्ति दो तरह की होती है- एक आंतरिक और एक बाह्य भक्ति। आंतरिक भक्ति में जो गुरु महाराज सुमिरन ध्यान भजन बता करके गए, वह करना है, इसका लाभ अंतर में मिलेगा। बाहर का जो दिक्कत है, बीमारी लड़ाई-झगड़ा, रुपया पैसा में बरकत नहीं होता है आदि, उसके लिए शरीर से सेवा करा करके लाभ दिलाना चाहते हैं, भटके हुए को रास्ता बताओ। ये रोटी खिलाने, पानी पिलाने, किसी को कपड़ा दे देने से, बीमार को दवा दे देने से ज्यादा फायदेमंद आपके लिए रहेगा, उसकी जान बचाने का फल ज्यादा मिलेगा।

इस वक्त पर कामवासना में हो चुके अंधे इंसान की आंखों से पहचान हो रही खत्म

इस समय पर तो आदमी काम की वासना में अंधा हो रहा। मां बहन बेटी की पहचान उसको नहीं हो पा रही। इस वक्त पर नशे की चीजों को आदमी करके पागल जैसा हो रहा है, बुद्धि भ्रष्ट हो रही है। इस वक्त पर मौत के कगार पर खड़ा हुआ है। अपराध करने में कोई संकोच नहीं करता है। अपराधी प्रवृत्ति लोगों में आ गई, अपराधी शरीर को बना दिया।

प्रेमियो! अच्छा समाज बनाने और अच्छा समय लाने की करो तैयारी

मांस मछली अंडा का सेवन करके इस मानव मंदिर को गंदा कर दिया। इसमें बुरी विचार भावनाएं उठ रही हैं। लोगों को बचाने की जरूरत है नहीं तो इनकी अकाल मृत्यु हो जाएगी। उम्र पूरा किये बिना इस दुनिया से जब जाएंगे तो प्रेत योनियों में चले जाएंगे। प्रेतों का मुंह बहुत पतला, पेट बहुत बड़ा होता है। पेट कभी भरता ही नहीं तो परेशान रहते हैं और दूसरे को भी परेशान करते रहते हैं। उस परेशानी से बचाने के लिए, आने वाली पीढ़ी नाती पोता बाल-बच्चों को बचाने के लिए, इन अदृश्य शक्तियों से बचने के लिए, उनकी जान को बचाओ, बुरे कर्मों से इनको हटाओ। इनके लिए चाहे आप रैली निकाले, चाहे पत्रिका छापो, चाहे पत्र बांटो, चाहे व्हाट्सएप टेलीफोन या व्यक्तिगत रूप से जाकर के बताओ कि भाई शाकाहारी हो जाओ, हाथ जोड़कर के प्रार्थना कर लो, अच्छा सामाज लाने की तैयारी करो, अच्छा समय देखने की तैयारी करो। कलयुग में सतयुग आएगा महात्माओं की कोई भी बात गलत नहीं हो सकती। सन्त वचन पलटे नहीं पलट जाय ब्रह्मांड।

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