सड़क पर ई-रिक्शा की संख्या ज्यादा होने के चलते जाम की समस्या भी होती उत्पन्न
संवाददाता महेश प्रजापति असोथर फतेहपुर
बदलते जमाने में सड़कों पर तेजी से ई-रिक्शा की संख्या बढ़ रही है। रूट व पार्किंग की व्यवस्था न होने से नगर में जाम की समस्या उत्पन्न हो गई है। तीन पहिया वाहनों की तुलना में आधे से अधिक ई-रिक्शा वर्तमान सड़कों पर दौड़ रहे हैं। प्रशासन या परिवहन विभाग की तरफ से ई-रिक्शा का न तो कोई रूट निर्धारित किया गया है और न ही पार्किंग का ही इंतजाम किया गया है।
जिले में 3000 के लगभग आटो का पंजीकरण हैं, जबकि नगर पंचायत असोथर में लगभग 100 ई-रिक्शा हैं। वाहन स्टैंड की बात करें तो नगर में आटो व अन्य वाहनों के लिए प्राइवेट स्टैंड की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन ई-रिक्शा के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। जिसके चलते यह हर दिन फर्राटा से मुख्य मार्ग के साथ ही नगर की गलियों में भी दौड़ते हैं। सड़क पर ई-रिक्शा की संख्या ज्यादा होने के चलते और चौराहों पर आड़े तिरछे खड़े करने से जाम की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है। जिससे आए दिन राहगीरों समेत नगरवासियों से प्रत्येक दिन झड़प होती है। वहीं किसी किसी दिन स्थानीय पुलिस कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति करती हुई नजर आती है। फिर भी ई -रिक्शा चालकों पर कोई भय नहीं रहता है। वह अपने मनमानी पर उतारू रहते हैं।
इसलिए नहीं निर्धारित है इनका रूट
ई-रिक्शा का व्यवसायिक पंजीकरण तो होता है, लेकिन वर्तमान में परमिट व्यवस्था लागू नहीं है, जिसके चलते इनके चलने के लिए कोई रूट निर्धारित नहीं किया गया है। यह मनमानी कर अपने रूट निर्धारित कर चलते हैं।
नगर में 5 से 10 रुपये निर्धारित है किराया
नगर में चल रहे ई-रिक्शा का नगर पंचायत क्षेत्र में कम से कम पांच से दस रुपये किराया निर्धारित है। नगर में विभिन्न मार्गों पर चलने वाले ई-रिक्शा का किराया दस रुपये दिया जाता है। खास बात यह है कि सख्ती न होने के चलते इसमें से अधिकांश बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ही फर्राटा भर रहे हैं। बहुत से बच्चे भी ई-रिक्शा चलाते हुए नजर आ जाते है।
रूट का होना चाहिए निर्धारण
रूट व पार्किंट का इंतजाम होना चाहिए। रूट निर्धारित न होने से आए दिन ई-रिक्शा चालकों और क्षेत्रवासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इनसेट
इन मार्गों पर चलते ई -रिक्शा
नगर के बस स्टॉप से कठौता होते हुए फूलबाग चौराहा, फूलबाग चौराहा से मैकुवापुर होते हुए लक्ष्मणपुर – सैंबसी, फूलबाग चौराहा से मुंजी कुंआ होते हुए सरकंडी, मुंजी कुंआ से होते हुए बर्रा बगहा वाया मनावा गांव जाते हैं। वहीं असोथर से थरियांव मार्ग पर भी फर्राटा भरते नजर आते हैं।
बोले जिम्मेदार
ई-रिक्शा के लिए नगर में अभी तक कोई रूट निर्धारित नहीं है। जल्द ही ई-रिक्शा चालकों की बैठक आयोजित कर रूट निर्धारित किया जाएगा।
पुष्पांजलि मित्रा गौतम, एआरटीओ प्रशासन फतेहपुर