शुरुआती जांच में ही मिलीं कई अनियमितताएं, प्रबंध कमेटी ही अवैध होने की शिकायत को मिला बल
बाराबंकी। महादेवा मंदिर परिसर में स्थित श्री विद्युत परिषद लोधेश्वर संस्कृत महाविद्यालय की अनियमिताओं की जांच जिलाधिकारी के आदेश पर शुरू हो गई है। अपर जिला अधिकारी न्यायिक इंद्रसेन ने अपने कार्यालय में गुरुवार को संबंधित पक्षों के बयान दर्ज किया। बयान के दौरान ही अनियमिताएं सामने आने लगी हैं। इस दौरान प्रबंध समिति ही वैध होने की शिकायत को बल मिला है।
महाविद्यालय में अनियमितता की शिकायत जिलाधिकारी से जयनारायण राकेश कुमार अवस्थी रामनाथ तथा सतीश कुमार ने की थी। जिस पर जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने अपर जिला अधिकारी की अध्यक्षता में तीन सदस्य समिति गठित की थी। इस समिति में जिला विद्यालय निरीक्षक, डायट प्राचार्य को पदेन सदस्य बनाया गया है। शुक्रवार को कमेटी ने शिकायतकर्ता और प्रबंध समिति के सदस्यों को तलब किया था। प्रबंध समिति का कोई सदस्य उपस्थित नहीं हुआ। महाविद्यालय के निवर्तमान प्राचार्य जरूर मौजूद थे। जिन्होंने सूचना विलंब से मिलने की शिकायत भी दर्ज कराई।
प्रारंभिक जांच में पता चला की मंदिर के महंत की मृत्यु के बाद कमेटी का पूरा उत्तरदायित्व जिले के हकीम यानी कि जिलाधिकारी को दे दिया जाना था। लेकिन कुछ लोगों ने नई प्रबंध समिति गठित कर ली। समिति के बारे में कमेटी के सामने प्रस्तुत हुए अमित अवस्थी ने कहा कि वह कमेटी के सदस्य हैं इस बात का पता उन्हें आज तक नहीं था।
शिकायतकर्ताओं का कहना था कि महाविद्यालय में सभी शिक्षक और स्टाफ एक ही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। इसके बारे में दस्तावेजी प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किए गए। जिस मामले में जिला विद्यालय निरीक्षक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है। हालांकि जांच अभी जारी है। अपर जिलाधिकारी का कहना है कि अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकल सका है। जांच के बाद में अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करेंगे।