अखिल भारतीय कब सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम आयोजक भाजपा नेता अजय गुप्ता ,भाजपा जिला कार्य समिति सदस्य अनिल अवस्थी, वरिष्ठ भाजपा नेता महेश तिवारी द्वारा मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण कर कवि सम्मेलन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।दुर्गा पूजा समिति के सदस्यों ने आए हुए कवियों का माल्यार्पण व अंग वस्त्र भेंटकर स्वागत किया। कवि सम्मेलन का सफल संयोजन व संचालन अयोध्या प्रसाद अवस्थी रत्नेश के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में प्रसिद्ध लोकगीत कर पं. जगन्नाथ दीक्षित निर्दोष ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर किया। कवि बिंदु प्रकाश विह्वल ने -“प्रेम विश्वास है, प्रेम बैराग है प्रेम की हर कड़ी एक अनुराग है। “गीत पढा। वही नवोदित कवि प्रशांत मिश्रा प्रखर की पंक्तियां “सागरों को उबाल सकता हूं ,इश्क डूबा निकल सकता हूं; तुम जहां भी रहो मेरी रहो, याद में उम्र ढाल सकता हूं;” गीत को लोगों ने खूब सराहा। ओज कवि शिवेश राजा ने पढ़ा “कांटों के बिस्तर पर सेज फूलों से नहीं सजाया है ;अंतर मन में जो कष्ट रहे दुनिया को नहीं दिखाया है;पढा। रोहित सरफिरा ने पढ़ा उसे कलमुही के खातिर खुद को क्यों मिटाना, हरियाली होगी बकरियां हजार आयेंगी;पढा। वाह भई वाह टीवी फेम हास्य कवि सुनील झंझट्टी ने पढ़ा “गलती हो तो पाप न कहना ,रिश्तो को अभिशाप न कहना ;मौका पाकर लतिया देगा, कभी गधे को बाप न कहना; को लोगों ने खूब सराहा। वहीं कानपुर से आई कवियत्रु अंकित शुक्ला ने पढ़ा “बापू मत करियो हमारा वियाह उमरिया बचपन की”गीत सुनकर लोग भावुक हो गए ।आगरा से आई कवियत्री अंशु छौंकर अवनी ने वीर रस की कविता “सनातन के हनन पर धैर्यता को छोड़ देंगे हम, बने जो राह में बाधा उसे भी मोड़ देंगे हम” पंक्तियां पढी। देर रात तक श्रोता काव्य की गंगा में डुबकी लगाते रहे ।इस अवसर पर रामनगर ब्लाक प्रमुख संजय तिवारी, जिला पंचायत सदस्य जैशीराम वर्मा ,भाजपा जिला अध्यक्ष अरविंद मौर्या ,शिव बहादुर वर्मा ,अमरेश यादव ,लाल जी यादव सदस्य क्षेत्र पंचायत, पं. रवि पाठक ,राममूर्ति चौहान सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।

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