फतेहपुर ..जिले के खागा तहसील के अन्तर्गत खागा टाऊन एरिया में अमर शहीद ठाकुर दरियाव सिंह स्मारक समिति के संस्थापक एवं इतिहासकार ठाकुर चंद्रपाल सिंह की स्मृति में समिति के उपाध्यक्ष महेंद्रनाथ त्रिपाठी के संयोजन एवं महामंत्री राम प्रताप सिंह,अशोक सिंह के नेतृत्व में एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें दूर-दूर से आए रचनाकारों ने विभिन्न रसों की रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।इसके पहले उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। वरिष्ठ रचनाकार रामेश्वर प्रसाद द्विवेदी प्रलयंकर अमेठी ने अध्यक्षता की। उन्होंने छंद सुनाकर श्रोताओं को आनंदित किया। रचनाकारों को माल्यार्पण कर सम्मानित करने के बाद बेहद चर्चित रचनाकार एवं संचालक नीरज पांडेय के संचालन में हास्य कवि समीर शुक्ला ने सरस्वती वंदना के बाद हास्य रंग की रचनाओं से श्रोताओं को हंसने एवं गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया। संचालन के साथ-साथ नीरज पांडेय की व्यंग्यात्मक गजलों से श्रोता झूम उठे-सामने होते हैं तो खूब दुआ देते हैं, पीठ पीछे वही हर बार छुआ देते हैं।कवि एवं शायर शिव शरण बंधु हथगामी ने बेटी पर लिखी रचना के साथ-साथ मुक्तक भी सुनाए-जब विपक्ष की जबां काट ली जाती है, कलमकार आवाज उठाते रहते हैं, जान लुटा देते हैं सैनिक सरहद पर, नेता-मंत्री जश्न मनाते रहते हैं।हास्य कवि प्रदीप महाजन,संदीप शरारती,उत्कर्ष उत्तम ने श्रोताओं को लोटपोट कर दिया।
कट गए शीश पर झुके नहीं,मैं उनका वंदन करता हूं,हर शहीद के माथे पर मैं रोली चंदन करता हूं।वीर रस के युवा हस्ताक्षर संतोष दीक्षित ने पन्ना धाय पर लिखे खंडकाव्य का अंश सुनाया तो पूरी सभा रोमांचित हो उठी।रायबरेली से आए डॉ.गोविंद गजब ने वास्तव में गजब ढा दिया-इक बाण से सृष्टि का नाश करने की क्षमता,वो राम भी सागर से राह मांग रहे हैं।काव्य पाठ की प्रारंभ हरि बहादुर हर्ष की ओजस्वी वाणी से हुआ।दुर्गेश दुर्लभ अयोध्या,अजय उपाध्याय अंबेडकर नगर,सद्भाव के कवि कुमार सौष्ठव ने भी रचना प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को बहुत प्रभावित किया।इस मौके पर,अध्यक्ष श्रीमती गीता सिंह,राम लखन बाजपेई,ओम द्विवेदी,सरोज पांडेय, रामनारायण विश्वकर्मा,कवि चंद्र दुबे,धर्म चंद्र मिश्र, राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी सिंह हरिश्चंद्र सिंह,राकेश सिंह, कृष्ण स्वरूप सिंह उर्फ लाला भैया, विष्णु दयाल गुप्त,यशवंत सिंह सभासद,अशोक सिंह,राम प्रकाश, नंदन मौर्य,शैलेंद्र सभासद सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।
अशोक सिंह ने व्यक्तित्व पर डाला प्रकाश
खागा। प्रमुख समाजसेवी एवं इतिहासकार रहे ठाकुर चंद्रपाल सिंह की जयंती पर आयोजित विचार गोष्ठी में उनके सुपुत्र अशोक कुमार सिंह ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।अन्य कई विद्वानों ने भी विचार रखे।वे महान साहित्यकार, समाजसेवी और समिति के संस्थापक थे।
चंद्रपाल सिंह के सुपुत्र अशोक सिंह ने बताया कि जमींदारी जाने के बाद आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण इनकी आगे की शिक्षा दीक्षा रुक गई।सन 1942 में अंग्रेजी सरकार में ग्राम रक्षा समिति का गठन कर लोगों को संगठित करने का प्रयास किया।इन्होंने विभागीय संगठन उत्तर प्रदेश की राज्य संग्रह अमीन संघ लखनऊ का 1959 में गठन कर किया और सेवानिवृत होने के 5 वर्ष बाद तक 1982 तक यह उसके प्रदेश अध्यक्ष रहे।सार्वजनिक जीवन में आने की इनको प्रेरणा समाज से मिली।1939 से 1941 तक यह स्थानीय आर्य कुमार सभा का गठन कर देखरेख करते रहे।
1950 से 1952 तक आर्य समाज खागा के अध्यक्ष रहे।1952 में बाबा ठाकुर शुकदेव सिंह के साथ मिलकर इन्होंने शुकदेव इंटर कॉलेज खागा की नींव रखी और सह प्रबंधक रहे।अंत तक समय तक शुकदेव इंटर कॉलेज के उपाध्यक्ष तथा सचिव रहे।1946 से 1963 तक रामलीला कमेटी खागा में मंत्री रहे और उसकी आर्थिक स्थिति को सुधरा। 1976 से 1985 तक रामलीला कमेटी खागा में फिर अध्यक्ष पद पर रहे।विश्व हिंदू परिषद खागा के अध्यक्ष भी रहे।साहित्य के क्षेत्र में इन्होंने फतेहपुर और बांदा के इतिहास संकलन में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया।इन्होंने खागा का इतिहास,कुकरा कुकरी, सरसई,एकडला,मुंशी प्रेमचंद की ससुराल सलेमपुर गोली,मंझिलगांव के कुंडेश्वर मंदिर एवं उत्तर प्रदेशीय इतिहास संकलन समिति के योजक के रूप में कार्य किया।