कुम्भकरण की नींद में सो रहे अधिकारी, पुराई बंद करवाने से झाड़ रहे पल्ला

-रात के अंधेरे में डंपरों से पाटा जा रहा पुराना तालाब

खागा। सुखदेव इंटर कॉलेज के पीछे रात के अंधेरे में हैवी मशीनों की सहायता से तालाब को पाटने का काम शुरू हो गया है। प्रशासन मामले से अनजान है। शनिवार को प्रशासन ने मामले में कोई भी संजीदगी नही दिखाई है। जानकारी के लिए बता दूं कि उक्त तालाब की पुराई दिन में न कराकर रात के अंधेरे में करवाकर खेल किया जा रहा है। सबसे अहम बात तो है कि मिट्टी लदी गाड़ियों को तालाब तक किसी गली से न भेजकर एक कालेज के अंदर से भेजा जा रहा है। प्रशासन ने मामले में ये जानना भी उचित नही समझा कि आखिर ये अवैध मिट्टी आ कहां से रही है। बात ये भी है कि प्रशासन हकीकत जाने भी क्यों? कस्बे में जोर शोर से चर्चा का विषय है कि प्रशासन के सेटिंग -गेटिंग के चलते कोई कार्रवाई नही की जा रही है। वहीं अवैध मिट्टी खनन व तालाब पुराई के मामले में चेयरमैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमने पट्टाधारक से बात की थी उन्होंने बताया कि ये हमारी भूमिधरी जमीन है। जहां देखा जाए तो खुदे हुए तालाबों को ना पूरा जाए इसके लिए बाकायदा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का इन भूमाफियाओं पर कोई असर नही दिखाई पड़ रहा है। वहीं मामले में एसडीएम खागा नंद प्रकाश मौर्य से बात की गई तो उन्होंने भी बताया कि ये उनकी भूमिधरी जमीन है। इसमें हम कुछ नहीं कर सकते। वहीं जब एसडीएम से सवाल किया गया कि क्या पट्टाधारक बने हुए तालाब को पुरवा सकता है? इस बात पर एसडीएम नंद प्रकाश मौर्य ने *दबी हुई जुबान* से कहा कि पुराई के मामले में हम कुछ नहीं कह सकते हां इतना जरूर कहेंगे की गाटा संख्या में इनका नाम दर्ज है, यह उनकी भूमधरी
है। अगर तालाब पुराई का काम बंद नहीं कराया गया तो जल्द ही पत्रकार संघ धरने की घोषणा करेगा।

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