हुसैनगंज क्षेत्र की स्थानीय पुलिस व वन विभाग की सह से काटे जा रहे हैं हरे नीम के वृक्ष
हरे वृक्षों की अंधाधुंध कटान से पर्यावरण को हो रहा है भारी नुकसान,
हुसैनगंज इलाके के वन माफिया अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहे हैं, हरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान अंधाधुंध हो रही है! वन विभाग को ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के बावजूद नहीं हो रही कार्यवाही ग्रामीणों में रोष! इधर गरीब 15 दिनों के भीतर हरे प्रतिबंधित पेड़ों की कटान में काफी इजाफा हुआ है, थाना क्षेत्र के रेरवा, द्वारिकापुर, गंभीरी,जरार गांव व असनी चौकी क्षेत्र के जुगलकापुरवा गांव में वन माफियाओं ने हरे प्रतिबंधित नीम, के वृक्षों को काट कर ले गए!स्थानी पुलिस व वन विभाग की मिलीभगत से हुसैनगंज क्षेत्र में काफी समय से हरे पेड़ों की अंधाधुंध कटान हो रही है, जिसके चलते पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है और भूमि बंजर होती जा रही है स्थानीय ग्रामीणों ने वनों की अवैध कटान की शिकायत जिले के प्रभागीय निदेशक से की है, लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई, मालूम हो कि हल्का नंबर दो जमरावा क्षेत्र में वन माफिया हावी है, जो स्थानीय पुलिस और वन विभाग की सह से हरे प्रतिबंधित पेड़ों को काटकर समूल विनाश कर रहे हैं, 10 दिन पूर्व द्वारिकापुर और रेरवा गांव में तीन नीम के पेड़ काटे गए थे जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग के दरोगा को दी थी, लेकिन उस पर आज तक कार्यवाही नहीं हुई,विभागीय भ्रष्टाचार व सुविधा शुल्क के चलते वनमाफियाओं पर कार्यवाही नहीं हो पा रही है! जमरावा क्षेत्र में वन माफियाओं ने 4 दिन पूर्व गंभीरी गांव से 2 नीम के पेड़ों को काट ले गए,इसी तरह 4 दिन पूर्व जरार गांव में जमरावां जाने वाले चक रोड के समीप स्थित मंदिर के पास से भी नीम के पेड़ काटे गए! इसकी भी सूचना वन विभाग को ग्रामीणों ने दी है लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं! जब इस संबंध में प्रभागीय निदेशक रामानुज त्रिपाठी से बात करने की कोशिश की गई तो कई बार मिलाने के बाद भी मोबाइल नहीं उठा क्या कहते हैं जिम्मेदार
जब पेड़ों की अवैध कटान के संबंध में क्षेत्रीय वन अधिकारी आर एल सैनी से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रतिबंधित हरे पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध है, अगर किसी ने पेड़ काटा है उसकी जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी!