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रानीपुर बहेरा गांव में विधायक निधि द्वारा इंटरलॉकिंग से बन रहे रोड दोनों तरफ नाली न होने से तथा घटिया सामग्री लगाने से गांव की जनता में व्याप्त है रोष

फतेहपुर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के लाख प्रयासों के बावजूद भी प्रदेश में दबंगों का कहर बराबर बरकरार है जहां आपको बताते चलें कि जनपद फतेहपुर के विजईपुर ब्लॉक के अंतर्गत रानीपुर बहेरा गांव के रहने वाली नीलम पत्नी सुरेंद्र सिंह तथा चंद्रबली सिंह पुत्र रामशरण सिंह, कृष्ण कुमार पुत्र स्वर्गीय महाबली सिंह, नकुल सिंह पुत्र शिवराज सिंह, आलोक सिंह पुत्र ब्रज भवन सिंह, ओम प्रकाश सिंह पुत्र रामकुमार , पवन सिंह पुत्र मानसिंह, गया प्रसाद पुत्र रामसुद्ध सिंह , पितांबर सिंह पुत्र रामराज सिंह,अवधेश तिवारी पुत्र स्वर्गीय रामचंद्र ने अवगत कराया कि गांव में इंटरलॉकिंग रोड बन रही है जो विधायक निधि से पास की गई है तथा उसके पहले पीडब्ल्यूडी से डामर रोड बनी थी अब विधायक निधि से इंटरलॉकिंग का कार्य हो रहा है मगर ठेकेदार द्वारा अवधेश तिवारी की भूमिधरी जमीन से जबरन रोड बनाई जा रही है तथा पीड़ित के घर के सामने से ग्राम समाज की जमीन में अतिक्रमण है जहां उसको नहीं हटवाया गया है जहां पीड़ित ने बताया कि उसकी भूमि गाटा संख्या 268 में ही रोड का निर्माण करवाया जा रहा है तथा संख्या 271 और 272 में ग्राम समाज की जमीन में गांव के ही लोग अपना मकान बढ़ाकर रोड तक अतिक्रमण किए हुए हैं जो कि ठेकेदार द्वारा उसको नहीं हटवा जा रहा है तथा रोड का रास्ता पीड़ित की भूमि धरी जमीन से निकाली जा रही है वहीं पीड़ित ने भूमि धरी जमीन को राजस्व टीम द्वारा पैमाइश करवाकर रोड का निर्माण करवाए जाने के लिए जिलाधिकारी को शिकायती पत्र दिया है वही गांव के लोगों द्वारा मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि इसके पहले उप जिला अधिकारी खागा थाना किशनपुर में भी तहरीर दे चुका है लेकिन अभी तक कोई राजस्व विभाग से कोई नहीं गया जहां उसने बताया कि , जहां गांव के लोगों ने बताया कि यह विधायक निधि से बन रही है जहां दोनों तरफ नाली नहीं बनवाई जा रही है जहां गांव वालों की ठेकेदार की मनमानी चलते और मेठ द्वारा अशब्दों का प्रयोग करते हुए गांव वालों में काफी रोष व्याप्त है वही जब मौके पर न्यूज़ समय तक की टीम पहुंची और वहां पाया कि इंटरलॉकिंग में जो भी मटेरियल लगाया जा रहा है वह बिल्कुल घटिया लगाया जा रहा है गांव वालों ने बताया की घटिया सीमेंट मोरग तथा बालू की जगह पर पीली मिट्टी का प्रयोग किया जाता है अभी कुछ रोड जो बन चुकी है घटिया सामग्री के चलते पीछे से वह ध्वस्त होती चली जा रही है जिस संबंध में ठेकेदार से बयान लेने की कोशिश की गई तो ठेकेदार ने बयान देने से मना कर दिया। मना करने से साफ जाहिर होता है कि सत्ता पक्ष एवं प्रशासन का संरक्षण ठेकेदार को प्राप्त है जैसा चाहो वैसा रोड बनाव नहीं कोई जाएगा जांच करने !?

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