प्रतिनिधिमंडल ने उस विधेयक को लेकर चर्चा की जो संसद में पारित होने के लिए विचार किए जाने वाले विधेयकों की सूची में शामिल है तथा जिससे कि वास्तविक एसटी समुदाय के लोगों के आरक्षण को कम करने के लिए एक अवैध आयोग द्वारा उच्च वर्गों व जातियों और अमीर लोगों को अनुसूचित जनजाति श्रेणी में शामिल करने की सिफारिश की गई है। यह एसटी समुदाय के संवैधानिक अधिकारों पर कुठाराघात है जो कि कि पूर्णतः असंवैधानिक है।

मैं जम्मू-कश्मीर के एसटी समुदाय को लोगों को अपना पूर्ण समर्थन देता हूँ। एसटी समुदाय के हक-अधिकारों को किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।भाजपा राजनीतिक लाभ के इरादे से जम्मू-कश्मीर में अगड़े वर्गों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का ख्वाब पाल रही हैं लेकिन भाजपा को पता होना चाहिए कि गुर्जर समाज केवल जम्मू-कश्मीर में ही नहीं, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा, झारखंड, गुजरात, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में भी बड़ी संख्या में हैं। यदि भाजपा वास्तविक एसटी के अधिकारों का उल्लंघन करती है तो उसे चुनाव में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। मैं सभी आरक्षित श्रेणियों विशेष रूप से भारत के गुर्जर समाज से अपील करता हूँ कि वे अपने संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर में अपने भाइयों- बहनों का समर्थन करें।

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