खखरेरु फतेहपुर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री भले ही झोलाछाप डॉक्टरों पर दिन प्रतिदिन अंकुश लगाने का आदेश जारी कर रहे हो लेकिन इस आदेश का खखरेरु क्षेत्र में असर नहीं हो रहा है जिससे छोलाछाप के इलाज से क्षेत्र में किसी न किसी की मौत होती रहती है ऐसा ही एक मामला खखरेरु थाना क्षेत्र के तेंदुआ गांव का प्रकाश में आ रहा है जहां के छोलाछाप डॉक्टर के इलाज से मरीज की मौत हो गई है मौत की खबर सुनकर परिजनों में कोहराम मच गया परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है प्राप्त जानकारी के अनुसार राम प्रताप पुत्र स्व०पितम्बर लाल निवासी तेंदुआ ने पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया है कि मेरा बड़ा भाई भानु प्रताप सिंह पुत्र स्व०पितम्बर लाल यादव उम्र लगभग 31वर्ष को अचानक उल्टी दस्त की शिकायत 16 जुलाई को हुई तो गांव के झोलाछाप डॉक्टर सतेन्द्र उर्फ पिन्टू पुत्र धीर सिंह यादव के यहां गया तो उसने कहा कि घबराओ नहीं मैं ठीक कर दूंगा फिर उसने ग्लूकोज की बोतल में दो तीन इंजेक्शन डालकर चढा दिया जिससे भानु प्रताप की हालत अचानक बिगड़ने लगी तब स्वयं सतेन्द्र यादव उसे ले जाकर खागा में इलाज कराया जिससे मरीज के शरीर में बड़े बड़े छाले आ गये आंख की रोशनी जाने लगी तब सतेन्द्र फतेहपुर में ले जाकर इलाज के दौरान चुप चाप खिसक गया तब हम लोग अन्य जगह भी लेकर गये वहां के डाक्टरों ने दवा का रियक्सन बताया जिससे दिनांक 27 जुलाई को लखनऊ में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई जबकि ग्रामीणों के बीच में आपस में कई तरह की चर्चा हो रही है जिसमें लोगों का कहना है कि तबियत मृतक की पत्नी आरती देवी की खराब थी जिसे ग्लूकोज सूट नहीं कर रहा था तब उसने अपने पति को उस बोतल को चढ़वाने को कहा जिससे यह घटना हो गई मृत की खबर सुनकर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है परिजनों में मृतक की पत्नी आरती देवी लड़की रेशमा, प्रियांशी रिया है इस सम्बन्ध में थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार राव से बात करने पर बताया कि तहरीर प्राप्त हुई है जिसमें बीमारी से मरने की बात बताई गई है पोस्टमॉर्डम की कार्यवाही की जा रही है।