रामौतार मौर्या कहते है कांधी रजबहा में कई वर्षों से पानी नहीं आया और न इसे साफ किया जाता है कई बार शिकायत करने बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं होती

जंहा एक तरफ गंगा व् जमुना उफान के कारण दिल्ली समेत कई राज्य बाढ़ कि चपेट में है वंही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में नदियों से जुडी कई नहरे वीरान पड़ी है अगर सभी नहरों में नदियों का पानी छोड़ दिया जाये तो नदियों का बाढ़ कम हो सकता है !

फतेहपुर: इलाके से होकर गुजरी नहर कांधी रजबहा में पानी न आने से किसान परेशान हैं। गेहूं के खेत तैयार हैं। पानी मुहैया न होने से उनमें बोआई नहीं हो पा रही है। इसके अलावा पछेती धान की फसलों को भी अब अंतिम पानी की दरकार है। यह हाल है कांधी रजबहा के किनारे दर्जनों से ज्यादा गांवों के किसानों का। इस नहर में कई सालों से पानी नहीं आ रहा है। जिससे खेतों में खड़ी धान पछेती फसल को पानी नहीं मिल पा रहा है। बिना पानी के फसल तैयार होने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा काफी संख्या में ऐसे भी किसान हैं, जिन्होंने खेतों में धान की फसल की रोपाई नहीं कर पा रहे है। उन्हें भी अब पानी का इंतजार है। कांधी रजबहा के किनारे बसे गांव के किसान इसी नहर के पानी पर ही निर्भर हैं।

किसानों की जुबानी, उनकी परेशानी

अंदौली गांव निवासी शेर बहादुर सिंह बताते हैं कि उनका पांच बीघा खेत तैयार है। ट्रैक्टर से जुताई करके खेत को बुआई के अनुकूल बनाया गया है। नहर में पानी आ जाय तो बात बन जाय। इसी गांव के देवी प्रसाद सिंह ने धान की फसल मशीन से कटवा ली है। जल्दी से फसलों की बुआई के लिए उनका भी खेत तैयार है। पर, बिना पानी के खेती का काम ठप पड़ा हुआ है।

हरगनपुर निवासी रामौतार मौर्या कहते है कांधी रजबहा में कई वर्षों से पानी नहीं आया और न इसे साफ किया जाता है कई बार शिकायत करने बावजूद भी कोई सुनवाई नहीं होती

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