कृषि विज्ञान केंद्र थरियाव में कौशल विकास योजना के अंतर्गत पशुपालन प्रशिक्षण कराया जा रहा है। आज के सत्र के मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित श्री प्रसून चंद्रा डीडीएम नाबार्ड फतेहपुर ने उपस्थित प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे प्रतिभागियों से सर्वप्रथम आयोजित प्रशिक्षण से क्या-क्या सीखा, जानकारी प्राप्त की। सभी प्रतिभागियों ने एक-एक करके प्रशिक्षण विषयों पर जानकारी दी, जिस पर डीडीएम नाबार्ड ने कहा कि प्रशिक्षण बहुत ही प्रभावी ढंग से आयोजित किया गया है क्योंकि प्रतिभागियों की जानकारी बहुत ही स्पष्ट है। वास्तव में ऐसे ही प्रशिक्षण आयोजित होने पर कौशल प्रशिक्षण की परिकल्पना सार्थक होती है। डीडीएम नाबार्ड ने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत आप बैंक से समन्वय प्राप्त कर प्रशिक्षण प्रमाण पत्र के आधार पर लघु डेरी फार्मिंग हेतु ऋण प्राप्त कर  अपने डेरी व्यवसाय को और सुदृढ़ बनाए सभी प्रशिक्षण की सार्थकता साबित होगी। इसके अतिरिक्त पशुपालन केसीसी पोर्टल तथा एफपीओ के प्रभावी संचालन व केवीके से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहा प्रभावी ढंग से संचालित करने की बात कही। केंद्र प्रभारी डॉ. साधना वेस्ट ने बताया कि दुग्ध उत्पादन के साथ ही यदि दुग्ध से बने विभिन्न उत्पाद बनाए जाएं तो ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है इस पर उन्होंने विस्तृत जानकारी दी। सस्य वैज्ञानिक डॉ. जितेन्द्र सिंह ने वर्ष भर चारा उत्पादन की तकनीक पर विस्तृत चर्चा की। पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार पाण्डेय ने पशुओं के प्रबंधन व रोगों से बचाव की जानकारी दी, साथ ही उन्होंने सूचित किया कि माह जुलाई 2023 से उक्त प्रशिक्षण का दूसरा मैच प्रस्तावित है जो किसान भाई 31 दिवसीय प्रशिक्षण में भाग लेना चाहते हैं वह कृषि विज्ञान केंद्र थरियांव से संपर्क कर सकते हैं।

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