कृषि भवन फतेहपुर में किया गया। “शरद मेला” का अपर जिलाधिकारी न्यायिक धीरेन्द्र प्रताप ने फीता काटकर उद्घाटन किया और स्वयं सहायता समूहों के लगे उत्पादों के स्टालो का अवलोकन किया । उन्होंने महिलाओं के उत्पादों की प्रसंशा करते हुए उत्साहवर्द्धन किया, तत्पश्चात महिला गोष्ठी में उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि आधारित व्यवसाय को बढ़ावा देने की जरूरत है साथ ही महिला स्वयं सहायता समूह कृषि कार्य में भी सहभागिता निभायें तथा अपने खेतों के कुछ क्षेत्र में जैविक खेती अवश्य करें एवं सम्बन्धित फसल व सब्जी को जैविक उत्पाद के रूप में बिक्री कर अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं।
इसी क्रम में नाबार्ड के जिला विकास प्रबन्धक प्रसून चन्द्रा ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार स्थापना एवं महिला सशक्तिीकरण में स्वयं सहायता समूह योजना बहुत ही सफल योजना साबित हुयी है इससे महिलाओं में आत्म निर्भरता के साथ ही आय वृद्धि का साधन है, नाबार्ड के शरद मेला में स्वयं सहायता समूह के विपणन एवं ट्रेडिंग हेतु अवसर दिया गया है, भविष्य में भी ऐसे आयोजन किये जायेंगे जिससे जनपद के अन्य समूहों को भी अवसर मिल सके।
उप कृषि निदेशक राममिलन सिंह परिहार ने समूहों की महिलाओं को कृषि विभाग द्वारा दी जा रही योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि अपने परिवार एवं गांव में जिसके पास जमीन है वह विभाग की योजनाओं का लाभ ले सकते हैं।
अग्रणी जिला प्रबन्धक वी0डी0मिश्र ने कहा कि बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट लिंक कर ऋण की सुविधा है इसके साथ ही अन्य योजनाओं में भी समूह प्रोजेक्ट लगाकर अनुदान के साथ ऋण ले सकती हैं।
कार्यक्रम का संचालन प्रज्ञा ग्रामोत्थान सेवा समिति के सचिव उमेश चन्द्र शुक्ल एवं जनज्योति विकास संस्था के सचिव सन्तोष मिश्र एवं लता फाउण्डेशन के सिद्धान्त सिंह श्रमिक भारती से इन्द्रनरायन एवं मान सिंह तथा सन्तोष कुमार व आशीष कुमार दीक्षित एवं महिला समूहों से राधा देवी, चेतरानी एवं बीना देवी रहीं।