सरकार के अथक प्रयास बाद भी झोला छाप डॉक्टरों से गरीब जनता को छुटकारा मिलने का नाम नही ले रहा। झोला छाप डॉक्टर गांव की भोली भाली जनता को बड़ी आसानी से अपना शिकार बना लेते है। और गरीब जनता को रुपए पैसे के साथ साथ अपनी और अपने परिजनों की जान से इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।

ताज़ा मामला हथगांम थानां क्षेत्र के अमलिहापाल गांव में एक किशोरी को दो दिनों से बुखार आ रहा था जिसके चलते किशोरी गांव में स्थित एक झोला छाप डॉक्टर के पास इलाज कराने पहुंच गई। डॉक्टर ने पैसा कमाने की गरज से किशोरी को इंजेक्सन के साथ एक बोतल ग्लूकोज़ चढ़ा दिया। जिसके चलते किशोरी की हालत बिगड़ गई तो इसकी जानकारी किशोरी के परिजनों को हुई। तुरंत परिजन अपने प्राइवेट वाहन से किशोरी को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे।

जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र के अमलीहापाल गांव निवासी नंबुद्दी की 17 वर्षीय पुत्री नीलम देवी को दो दिनों से फीवर आ रहा था। जिसके चलते गांव में एक जय पाल नामक झोलाछाप डॉक्टर के पास इलाज कराने पहुंच गई। झोलाछाप डॉक्टर ने अपना बिल बढाने की गरज से किशोरी को इंजेक्शन के साथ एक बोतल ग्लूकोस 20 मिनट में चढ़ा दिया। जिससे किशोरी की हालत बिगड़ गई उसका ब्लड प्रेशर बिल्कुल लो हो गया। तो उसकी जानकारी परिजनों को हुई परिजन तुरंत किशोरी को अपने प्राइवेट वाहन से तुरंत इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर किशोरी को भर्ती कर उसका इलाज कर रहे हैं।

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