फतेहपुर। अक्षय तृतीया पर जहां ब्राह्मण समाज के लोग भगवान परशुराम की जयंती उत्साह से मनाने की तैयारी कर रहे हैं वहीं ब्राह्मण समाज का एक धड़ा ब्राह्मणों पर हो रहे अन्याय एवं अत्याचार के खिलाफ परशुराम जयंती के दिन नहर कालोनी में धरना देने की तैयारी कर रहा है। धरने की रणनीति बनाने के लिए शनिवार को ब्राह्मणों ने बैठक की और निर्णय लिया गया कि परशुराम जयंती के दिन नहर कालोनी में धरना देकर राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जायेगा।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस वर्ष भगवान परशुराम जयंती संकल्प दिवस के रूप में मनाई जाएगी। वक्ताओं ने आक्रोश व्यक्त किया कि राजनैतिक कारण से देश में ब्राह्मणों को गाली देना, लांछित करना एक चलन बन गया है। एक तरफ उनके भारतीय संस्कृति, इतिहास, आज़ादी के आंदोलन एवं सामाजिक योगदान को नकारा जा रहा है दूसरी तरफ उन्हे राजनीति, शिक्षा, नौकरी, व्यवसाय आदि से दरकिनार करने की कोशिश की जा रही है। षडयंत्र पूर्वक ब्राह्मण के पूर्वज ऋषियों, साहित्यकारों को अपमानित किया जा रहा है। उनके द्वारा रचित ग्रंथो एवं महाकाव्यों को आग के जलाया जा रहा है। जो भी सत्ता में आता है वह ब्राह्मण का उत्पीडन करता है। अब ब्राह्मण बर्दाश्त नहीं करेगा। भगवान परशुराम जयंती के दिन यह संकल्प लिया जाएगा कि जानबूझ कर दुराग्रह पूर्वक हमें अपमानित करने की कोई घटना होगी तो मूक दर्शक बनकर बर्दाश्त नहीं करेंगे बल्कि सड़क पर संघर्ष करेंगे और जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी भी देंगे। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार चंद्र कुमार पांडेय व संचालन मणि प्रकाश दुबे ने किया। इस मौके पर संतोष द्विवेदी, सुशील मिश्रा, प्रदीप गर्ग, महेश द्विवेदी, पंकज त्रिपाठी, मनोज शुक्ला, अजय अवस्थी, देवेश त्रिपाठी, अरुणेश पांडेय, नीटू मिश्रा, कोटेश्वर शुक्ला, छक्कन तिवारी, कमलेश शुक्ला, पंकज पांडेय, अरविंद द्विवेदी, विद्याभूषण तिवारी, रामू शुक्ला, सुरेश शुक्ला, सुधीर त्रिपाठी, मनीष त्रिपाठी, विनीत तिवारी उपस्थित रहे।

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