👉 शहर में बढ़ने लगा मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप, जिम्मेदार बने मूकदर्शक
👉 आम जनमानस के स्वास्थ्य के प्रति नहीं गंभीर हैं संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी
फतेहपुर। जैसे-जैसे मौसम अपनी करवट बदलने लगा है वैसे-वैसे शहर सहित जनपद में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। मच्छर जनित बीमारियों के प्रकोप पर लगाम कसने के लिए स्वास्थ्य महकमा एवं नगर पालिका परिषद प्रशासन को जिम्मेदारी सौंपी गई है, किंतु इस जिम्मेदारी का निर्वहन कितना बेहतर ढंग से उक्त विभागों द्वारा किया जा रहा है इसका जीता जागता उदाहरण शहर के विभिन्न इलाकों में बज बजाते नाले-नालियाँ एवं मार्गो पर फैली गंदगी बयां कर रही है। मच्छर जनित बीमारियों पर लगाम कसने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाला मलेरिया विभाग के द्वारा कराया जाने वाला डीडीटी दवा का छिड़काव एवं नगर पालिका परिषद द्वारा मच्छरों को भगाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर मंगाई गई फागिंग मशीन केवल अधिकारियों के बंगलो से मच्छर भगाने तक सीमित रह गई है जिसकी वजह से बदलते मानसून एवं गर्मी की दस्तक के साथ ही मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप आम जनमानस को प्रभावित करने लगा है। इन दिनों बदलते मौसम एवं मच्छरों के प्रकोप की वजह से घर-घर सर्दी, जुकाम एवं बुखार सहित मलेरिया से पीड़ित मरीज अस्पतालों तक पहुंचने लगे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि आंकड़ों की बाजीगरी में हमेशा अव्वल रहने वाले अधिकारी मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप रोकने के लिए दावे तो बड़े-बड़े करते हैं, किंतु जमीनी स्तर पर उसका अमल कितने प्रतिशत होता है, इसका सही आंकड़ा देने वाला कोई भी नजर नहीं आता….!