- अपनी दादी व अधियारियों पर नाबालिग बच्चों ने लगाया गंभीर आरोप
- अपना अधिकार पाने के लिए बच्चों ने लगाई गुहार
- नाबालिग बच्चों के साथ होगा न्याय, मिलेगी संपत्ति: मनीष कुमार
फतेहपुर। खागा तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान दो नाबालिग बच्चों ने अपने नाना के संरक्षण में उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार के समक्ष अपने संपत्ति पर संरक्षिका की हकतल्फी व घर में न घुसने देने के अलावा संपत्ति को पाने के चलते ददिहाल पक्ष द्वारा जान से मारने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की गुहार लगाई है। मामले की गंभीरता देखते हुए उपजिलाधिकारी मनीष कुमार व तहसीलदार ईवेंद्र कुमार ने न्याय दिलाए जाने का आश्वासन दिया है।
बताते चलें कि शुक्रवार को खागा तहसील सभागार में आयोजित हुए संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान हरचंदपुर गांव निवासी सरफराज अहमद ने प्रार्थना पत्र देते हुए अवगत कराया कि बीते 15 वर्ष पहले उन्होंने अपनी बड़ी बेटी की शादी हथगाम थाना क्षेत्र के अंतर्गत रायपुर मुवारी में स्वर्गीय मकसूद अहमद के पुत्र स्वर्गीय मोसिम के साथ कराई थी। शादी के बाद से ही उनकी बेटी घरेलू हिंसा व प्रताड़ना का शिकार होती रही लेकिन लोक लाज आदि के चलते सब कुछ सहन करती रही इसी दौरान उनके एक बेटी अलशिफा बानो व एक बेटा मोहम्मद सोएफ पैदा हुए जो वर्तमान में क्रमशः 14 व 12 वर्ष के हैं। जिसके बाद घरेलू कलह व हिंसा प्रताड़ना के चलते हमारी बेटी अपने मायके हरचंदपुर, थाना – खखरेरू आ गई जिसके बाद ससुराल पक्ष उसे न तो रहने देते और न ही बच्चों को हर्जा खर्चा देते। ऐसे ही स्थिति में हमारे दामाद मोसिन की मृत्यु हो गई और हमारी उस लड़की ने भी दूसरी शादी कर ली। लेकिन उस स्थिति में भी दोनों बच्चे हमारे पास ही रहकर परवरिश पाएं व पढ़ाई – लिखाई कर रहे हैं। बीते दिन हमारे समधी रहे मकसूद अहमद का भी देहांत हो गया जिसकी सूचना पर मैं बच्चों के नाना के हैसियत से दोनों बच्चों को मिट्टी में ले गया और वहां मौत मिट्टी के बाद चालीस दिन तक सारा क्रिया कर्म भी किया इस दौरान बच्चों की दादी शफीकुन निशा भी अपना घर छोड़कर अपने मायके चली गईं और बच्चों के ऊपर ही मरने के बाद का सारा बोझ डाल दिया। इसके बाद बच्चों के दादा का छोटा भाई नौशाद बच्चों को घर से भगाने लगा और बच्चों पर बुरी नजर से मारने का इरादा देखकर मैंने बच्चों को वहां से हटा लिया लेकिन जब बच्चों को वहां ले जाया गया तो उक्त नौशाद ने बच्चों को घर में घुसने नहीं दिया साथ ही मुझसे उलझता हुआ मारपीट पर आमादा हो जाता रहा। उसके बाद वरासत दर्ज में दोनों बच्चों अलशिफा बानो व मोहम्मद सोएफ का नाम आ गया लेकिन संरक्षण में इनकी दादी शफीकुन निशा का नाम दर्ज रहा जिसकी कोई आपत्ति नहीं लेकिन अब वो संरक्षिका के हैसियत से बच्चों की भी संपत्ति बेचना चाहती हैं जिसकी बिक्री पर रोक लगाने हेतु उप निबंधक खागा को प्रार्थना पत्र सौंप दिया गया है साथ ही बच्चों को उनकी संपत्ति मिले तथा संरक्षिका की बद नियति देखते हुए संरक्षक के तौर पर जिलाधिकारी को नामित करने की गुहार लगाई गई है साथ ही बच्चों के जान – माल की भी गुहार लगाई है जिस पर तहसील प्रशासन ने न्याय दिलाए जाने का आश्वासन दिया है। वहीं उप जिलाधिकारी मनीष कुमार एवं तहसीलदार ईवेंद्र कुमार ने पीड़ित को न्याय दिलाए जाने के साथ ही संपत्ति पर अधिकार दिया जाएगा की बात कही है।