कौशाम्बी मंझनपुर राज्यमंत्री श्रम एवं सेवायोजन अध्यक्ष, उ0प्र0 भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार राज्य परामर्शदात्री समिति ठाकुर रघुराज सिंह ने नवीन मण्डी समिति, ओसा में बी0ओ0सी0 वर्कर फेडरेशन ऑफ इण्डिया के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय जनजागरूकता कार्यक्रम का शुभारम्भ किया राज्यमंत्री ने मजदूरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व प्रदेश सरकार जनहित के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है तथा मजदूर, किसान, वंचित एवं समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए जनकल्याणकारी योजनायें संचालित कर रहीें हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में श्रमिकों का पंजीयन निःशुल्क किया गया तथा प्रत्येक पंजीकृत श्रमिक के खाते में एक-एक हजार रूपये हस्तान्तरित किये गये। उन्होंने कहा कि आप लोग राष्ट्र निर्माता हैं। उन्होंने श्रमिकों से अधिक से अधिक पंजीयन कराने का आग्रह किया, जिससे श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ मिल सकें।
राज्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के कल्याण के लिए मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद हितलाभ योजना के अन्तर्गत पुत्र होने पर 20 हजार रुपये एवं पुत्री होने पर 25 हजार रुपयें की आर्थिक सहायता दी जायेगी तथा मातृत्व हितलाभ के तहत महिला श्रमिकों को पंजीकरण के उपरान्त दो प्रसवों तक 3 माह का वेतन दिया जाएगा तथा पुरूष कर्मकारों की पत्नियों को भी इस योजना के अन्तर्गत लाभ की परिधि में लाते हुए रू0 06 हजार दो किस्तों में दिया जायेंगा। कन्या विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत श्रमिक की पुत्री के विवाह हेतु 55 हजार रुपयें तथा अगर वह अपनी पुत्री का विवाह श्रमिक बेटियों की सामूहिक विवाह योजना के तहत करता है, तो उसे 65 हजार रुपयें की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी तथा अन्तर्जातीय विवाह करने पर रू0 61 हजार रूपये की धनराशि दी जाती है। उन्होंने बताया कि निर्माण कर्मकार मृत्यु व दिव्यांगता सहायता योजना के तहत श्रमिक की कार्य स्थल पर या कार्य स्थल पर जाने के दौरान या कार्य स्थल से वापस घर आने के दौरान दुर्घटना में मृत्यु होने की स्थिति में 5 लाख रुपयें, स्थायी विकलांगता की स्थिति में 3 लाख रुपयें तथा आंशिक विकलांगता की स्थिति में 2 लाख रुपयें की आर्थिक मदद दी जाती है। उन्होंने बताया कि कार्यस्थल से इतर दुर्घटना के फलस्वरूप निर्माण श्रमिक की अस्थायी आंशिक विकलांगता की स्थिति मंे श्रमिक को एक मुश्त एक लाख की सहायता प्रदान की जाती है। अपंजीकृत श्रमिक की कार्य के दौरान दुघर्टना होने पर रू-50 हजार की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
राज्यमंत्री ने बताया कि गम्भीर बीमारी सहायता योजना के अन्तर्गत श्रमिक एवं उसके परिवार के सदस्यों की उ0प्र0 सरकार के नियंत्रणाधीन किसी सरकारी/स्वायत्तशासी चिकित्सालय में कराये गये इलाज के व्यय की जितनी भी धनराशि होगी, उसकी प्रतिपूर्ति की जाती है। उन्होंने कहा कि संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत श्रमिक के बच्चों के पढ़ाई के लिए विभाग की ओर से अगर बच्चा प्राथमिक स्कूल में पढ़ता है तो रूपये-2000 एकमुश्त प्रदान किया जायेंगा। इसी प्रकार कक्षा-06 से 10 में पढ़ता है तो रुपये-2500, कक्षा-11 एवं 12 तक के लिए रूपये-3000, स्नातक के लिए रुपये-12000, परास्नातक के लिए 24000 तथा आई0टी0आई0/पॉलीटेक्निक के लिए 12000 एकमुश्त दिये जाने का प्राविधान है। उन्होंने कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना तथा महात्मॉ गॉधी पेंशन योजना सहित आदि योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी।