• दुष्कर्म पीड़िता से जबरन सुलहनामा कराने का दुबौलिया पुलिस पर लगा था आरोप
  • थाने पर दुबौलिया पुलिस के द्वारा जबरन सुलहनामा कराते समय पीड़िता ने बनाया था वीडियो
  • दुबौलिया पुलिस के द्वारा जबरन पीड़िता से सुलहनामा पर हस्ताक्षर कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ था वायरल
  • पुलिस अधीक्षक ने जबरन सुलानामा करने वाले पुलिस के खिलाफ जांच का दिया था निर्देश

दुबौलिया बस्ती – 01महीने बीतने के बाद भी दुबौलिया पुलिस द्वारा पीड़िता से जबरन सुलहनामा करने के मामले में अभी तक कोई कार्रवाई नही हुई है । सूत्रों की माने तो दुष्कर्म पीड़िता से दुबौलिया पुलिस जबरन सुलहनामा कराकर दुष्कर्म के आरोपों से 40 हजार रुपए लिये थे और आरोपी को थाने से छोड़ दिया गया था । सोशल मीडिया पर जबरन दुबौलिया पुलिस द्वारा सुलहनामा कराने का वीडियो वायरल हुआ था । सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो की जांच कर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने निर्देश दिया था । जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत से अभी तक मनमानी / लापरवाही करने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ नातो कोई जांच हुई है और ना ही कोई विभागीय कार्रवाई की गई है ।
आपको बता दें कि दुबौलिया थाना क्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत सड़वलिया के राजस्व गांव सिकटा निवासी आदित्य चौधरी पुत्र मुन्नू ने कप्तानगंज थाना क्षेत्र के एक दलित युवती को सोशल मीडिया ( इंस्टाग्राम ) पर प्रेम जाल में फंसाया था और शादी का झांसा देकर कई महीनो तक शारीरिक संबंध बनाया था और युवक ने एक महीने तक अपने गांव सिकटा घर पर रखा था । आरोपी युवक ने दलित युवती को वन विहार , मेला इत्यादि स्थानों पर टहलाया घूमाया था और सेल्फी भी लिया था । इतना ही नहीं युवक ने युवती से कई महीनों तक शारीरिक संबंध बनाने के बाद दो बार गर्भनिरोधक गोलियां खिलाकर दो बार गर्भपात कराया था । आरोपी आदित्य चौधरी के द्वारा दलित युवती को दिया गया टेस्ट किट एव गर्भनिरोधक गोलियों का साक्ष्य पीड़ित दलित युवती के पास था । पीड़ित दलित युवती ने जब शादी के लिए आदित्य चौधरी से बात किया तब आदित्य चौधरी ने दलित युवती के साथ शादी करने से इनकार कर दिया था तथा पीड़ित दलित युवती को लात – घूसों से मारा – पीटा और सिकटा गांव से भी भगा दिया था । पीड़ित दलित युवती की लोक लज्जा भंग हो गई थी वह बेसहारा एवं बेघर हो गई थी। आरोपी आदित्य चौधरी के द्वारा किया गया कुकृत्य अपराध की श्रेणी में आता है ऐसी दशा में आरोपी आदित्य चौधरी के खिलाफ कार्रवाई हेतु दुबौलिया थाना एवं कप्तानगंज थाना पर पीड़ित दलित युवती ने तहरीर दी थी । कप्तानगंज पुलिस ने घटना दुबौलिया क्षेत्र में घटित होने के कारण मुकदमा दर्ज नही किया था । दुबौलिया पुलिस ने पीड़िता को थाने पर बुलाकर जबरन सुलहनामा पर हस्ताक्षर करवाया था । सोशल मीडिया पर दुबौलिया पुलिसकर्मियों द्वारा दुष्कर्म पीड़िता से जबरन सुलहनामा कराते हुए वीडियो वायरल हुआ था और पीड़िता ने एसपी अभिनन्दन से शिकायत कर सारी घटना की जानकारी दी थी । एसपी के निर्देश पर आरोपी आदित्य चौधरी के खिलाफ दुबौलिया पुलिस ने सुसंगत धराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था । एक सप्ताह बीतने के बाद दुष्कर्म पीड़िता के साथ दुबौलिया पुलिसकर्मियों द्वारा लापरवाही / मनमानी करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नही हुई है । बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्यों जिम्मेदार अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा लापरवाही / मनमानी करने वाले पुलिसकर्मियों पर मेहरबान है ? अब देखना है कि दुष्कर्म पीड़िता से जबरन सुलहनामा पर हस्ताक्षर कराने वाले पुलिसकर्मियों पर कब गाज गिरती है यदि पीड़ितों से ऐसे ही अपनी जेब गर्म करने के लिए पुलिसकर्मियों द्वारा जबरन सुलहनामा पर हस्ताक्षर कराया जाएगा तो पीड़ितों को न्याय कहां से मिलेगा ?

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