💁‍♂️ मानक विहीन प्राईवेट अस्पताल में युवक की हुई मौत परिजनों ने लगाए डाक्टर पर गम्भीर आरोप

🩺 💊 गलत ईलाज के दौरान गई युवक की जान परिजनो ने किया हंगामा मौके पर पहुंची पुलिस

💺 जिले के जिम्मेदारों को और कितनी मौतों का है इन्तजार

⚙️ ⛓‍💥 स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों की सेटिंग गेटिंग का खेल आम जनता की सेहत व जेब डाला जाता है डाका

✒️ पवन कुमार श्रीमाली✒️

💫 स्वास्थ्य महकमे की बड़ी लापरवाही आई सामने जिसके चलते पूरे जिले का आलम यह है कि गली कूचो से लेकर जनपद के रिहायशी इलाकों तक को झोलाछाप डॉक्टरों के मकड जलने अपने कब्जे में ले रखा है जिसकी वजह से हर रोज किसी न किसी गरीब को अपनी जान गंवानी पड़ रही है वहीं अगर बात करें जिम्मेदारों की तो जिम्मेदार जानबूझकर अनजान बन रहे हैं आखिर फतेहपुर में कब सुधरेंगी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं यह तो राम भरोसे ही है जबकि समय-समय पर स्वास्थ्य मंत्री से लेकर उच्च अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है परंतु इन सब चीजों का फतेहपुर जनपद में कोई फर्क नहीं पड़ने वाला यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं राम भरोसे ही चल रही है अभी ताजा मामला निकाल कर आया जिले के किशनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत विजयपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बगल में काफी लंबे अरसे से संचालित हो रहे सतगुरु क्लीनिक का जहां पर सोने मऊ गांव निवासी शिव दर्शन पासवान ने बताया कि उनके बेटे जयकरन उम्र 35 वर्ष के पेट में अचानक दर्द होने लगा तो वह इलाज कराने सतगुरु क्लीनिक लेकर आए वहां पर मौजूद क्लीनिक संचालक बृजेश कुमार के इलाज के दौरान हाई डोज इंजेक्शन देने की वजह से जयकरन की हालत भी गंभीर हो गई वहीं परिजनों ने हालत बिगड़ी देख क्लीनिक संचालक से मरीज को रेफर करने के लिए कहा तो संचालक बृजेश कुमार ने कहा अभी रुक जाओ फिर करते हैं परंतु तब तक मरीज की जान ही जा चुकी थी इसकी सूचना जब परिजनों को हुई तो मानो पहाड़ सा टूट पड़ा वही मृतक की पत्नी सुनीला देवी करो रो कर बुरा हाल रहा क्योंकि पति की मौत के बाद चार बच्चों का भरण पोषण पहाड़ का दिखाई देने लगा वही बच्चे अभिषेक 4 वर्ष बेटी अंशिका देवी तीन वर्ष दूसरी बेटी सिखा देवी डेढ़ वर्ष सबसे छोटा बेटा आर्यन कुमार उम्र लगभग 3 माह सहित पूरे परिवार में कोहराम समझगया अगर बात की जाए जिम्मेदारों की तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक के के पांडेय ने मौके पर पहुंचकर क्लीनिक में ताला डालने का काम किया वही बात करने पर वह बताया कि वह अस्पताल कब से संचालित हो रहा किस चीज की उन्हें कोई जानकारी नहीं है जिले के अधिकारियों द्वारा दूरभाष पर आदेश मिलने पर उनके द्वारा यह कार्रवाई की गई है वहीं श्री पांडेय ने बताया कि पीड़ित को न्याय मिलना चाहिए और अग्रिम कार्रवाई तक क्लिनिक में ताला लगा रहेगा

अब बड़ा सवाल या उठता है कि अगर समय रहते जिम्मेदार जाग जाते तो शायद बच सकती थी एक गरीब की जान

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