👉आखिर किसके संरक्षण में चल रहा अवैध क्लीनिक-❔
👉भोली भाली जनता के जिंन्दगीयों के साथ हो रहा खिलवाड़–
👉आए दिन घटनाएं क्लीनिक या हॉस्पिटल में बनी रहती हैं स्वास्थ्य विभाग झोला छाप डॉक्टर पर कब करेंगे कार्यवाही–
फतेहपुर* हमेशा स्वस्थ व्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों पर रहने वाला जनपद फतेहपुर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हो रहा है जहां जनपद में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र एवं गली–मोहल्ले तक में अवैध रूप से मेडिकल स्टोर तथा मेडिकल स्टोर की आड़ में क्लीनिक संचालित की जा रही है जिसमें क्षेत्र की भोली भाली जनता को बेवकूफ बनाकर उनकी जेबें ढीली करने का कार्य अप्रशिक्षित डॉक्टर के द्वारा किया जाता है। जब किसी हॉस्पिटल या मेडिकल स्टोर में कोई अनहोनी घटना घटित होती है और उसकी खबर स्वास्थ्य विभाग को लगती है तो स्वास्थ्य विभाग महज अपनी खानापूर्ति करने के उद्देश्य से उस पर कागजी कार्यवाही कर मामले को रफा दफा कर देता है। वहीं अगर सीज करने की कार्यवाही भी की गई तो सीज करने के बाद लगभग 10 से 20 दिन के अंतराल में पुनः उसे अभयदान दे दिया जाता है जिस कारण हॉस्पिटल,पैथोलॉजी एवं मेडिकल स्टोर की आड़ में संचालित क्लीनिक के संचालनकर्ताओं के और भी हौसले बुलंद रहते हैं आपको बताते चलें कि जनपद फतेहपुर के गाजीपुर चौराहे कस्बा के बिना बोर्ड के एवं बिना मानक के मेडिकल स्टोर संचालित किया जा रहा है।वहीं सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस मेडिकल स्टोर में मरीज का इलाज भी किया जाता है जिसमें छोटी-मोटी बीमारी में भी लोगों के इंजेक्शन तथा ग्लूकोज की बोतल लगाकर उन्हें बेवकूफ बनाकर उनसे पैसे ऐंठने का कार्य करते हैं।आखिर मेडिकल स्टोर के संचालक को किसका संरक्षण प्राप्त है जिसके कारण मेडिकल स्टोर को स्वास्थ्य विभाग का भी भय नहीं दिखता है वहीं लोगों का यह भी कहना है कि मेडिकल स्टोर के संचालक का कहना है कि विभाग को समय पर मोटी रकम पहुंचा दी जाती है जिस कारण मेरे ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हो सकती है अब सोचने वाली बात यह है कि क्या स्वास्थ्य विभाग ऐसे मेडिकल स्टोरों पर कोई कार्यवाही करेगा या फिर अभयदान देकर उसे छोड़ देगा-❔