संविधान रक्षक जिला संवाददाता उमेश तिवारी।

इस अवसर पर संयोजक अमित अवस्थी ‘अधिवक्ता’ ने बैजनाथ रावत अध्यक्ष, उ.प्र. राज्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग को दातुन भेंट करते हुए बताया कि जब अमेरिका द्वारा नीम, हल्दी बबूल आदि का पेटेंट करा लिया गया था उस समय भारत में एक बड़ा आंदोलन राजीव दीक्षित के द्वारा किया गया परिणामस्वरूप अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत ने इस संबंध में अपना पक्ष रखा और उस बहस में यह भी था कि हमारे किसी भी गांव में जाइए आपको सुबह लोग नीम, बबूल की दातुन करते मिल जाएंगे तो दातुन अमेरिका की कैसे हुई इस आधार पर भी उनका दावा खारिज हुआ था।
अध्यक्ष बैजनाथ रावत ने उपस्थित लोगों को बताया कि लोग बबूल टूथपेस्ट तो करेंगे लेकिन बिल्कुल नि:शुल्क, शुद्ध, देसी बबूल नहीं करेंगे और उसके बाद महंगाई का रोना रोएंगे। उन्होंने दातुन भेंट करने आये संयोजक अमित अवस्थी ‘अधिवक्ता’, लखनऊ अमेठी रेलमार्ग समन्वयक अजय त्रिवेदी, हैदरगढ़ तहसील संयोजक रामानुज चौरसिया आदि को राजीव दीक्षित की जयंती की बधाई दी।

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