खखरेरू फतेहपुर नगर पंचायत खखरेरू में बीती रात लक्ष्मण परशुराम संवाद फतेहपुर की राघव रामलीला मंडल द्वारा आयोजन किया गया जिसमें सत्यम द्विवेदी कानपुर राम आदर्श शुभ लक्ष्मण कानपुर आशीष अवस्थी कानपुर राम जी गुप्ता रावण फतेहपुर विश्वामित्र राजू शुक्ला जानकी अनुज शुक्ला फतेहपुर सत्यानंद दुर्गा प्रसाद द्वारा परशुराम संवाद का मंचन किया गया
नाथ शंभू धन भंजनी हारा एक दास तुम्हारा महाकवि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस रामायण के आधार पर कस्बा के रामलीला मैदान में ऐतिहासिक रामलीला एवं सीता स्वयंवर हुआ जिसमें धनुष टूटते ही सीता ने प्रभु राम को वरमाला पहनाई इसके बाद लक्ष्मण एवं परशुराम संवाद हुआ जिसे देखकर दर्शक मन मुग्द हो गए चौथे दिन की रामलीला में प्रभु राम लक्ष्मण दोनों गुरु विश्वामित्र के साथ मिथिला नगर पहुंच गए जहां राजा जनक की फुलवारी में प्रभु राम की सीता माता से भेंट हुई जिसके बाद पांचवें दिन दोनों राजकुमार गुरु विश्वामित्र के साथ सीता स्वयंवर में पहुंचे जहां राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का विशाल धनुष रखा था यह उद्घोषणा राजा जनक द्वारा की गई की प्रत्यंचा चढ़ाने वाले के साथ सीता का विवाह होगा स्वयंवर में रावण बाणासुर सहित तमाम बड़े-बड़े योद्धा पहुंचे परंतु कोई भी धनुष को कोई उठाना तो दूर हिला तक नहीं सके जिससे चिंतित राजा जनक ने गम और गुस्से का इजहार करते हुए कहा कि क्या यह धरती वीरों से खाली हो गई है क्या मेरी बेटी कुंवारी रह जाएगी
राजा जनक के दुख भरे क्रोध को सुनकर प्रभु राम गुरु विश्वामित्र का इशारा मिलते ही आशीर्वाद लेकर धनुष के पास पहुंचे जहां एक बार में धनुष को उठा लिया और प्रपंच चढ़ते ही धनुष भंग हो गया शिव धनुष टूटते ही पूरा मेला प्रांगण में यदि राम के जय कारों से गूंज उठा माता सीता ने प्रभु राम को वरमाला पहनाई इस मनोहर दृश्य को देखकर दर्शक भाव विभोर हो गए वहीं धनुष टूटने की आवाज सुनते ही तपस्या कर रहे ऋषि परशुराम अचानक जनक दरबार में आ पहुंचे धनुष को टूटा देखकर वह आग बबूला हो गए और धनुष तोड़ने वाले को ललकारने लगे कुछ देर बाद लक्ष्मण ने आगे बढ़कर उत्तर दिया लक्ष्मण एवं परशुराम के बीच काफी देर तक वाद संवाद होता रहा लक्ष्मण परशुराम संवाद सुनकर दर्शक मन मुग्ध हो गए

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