धान लगने का हवाला देकर, कब्जा दिलाने से परहेज कर रहे एसडीएम

खागा, फतेहपुर। प्रशासनिक अधिकारी अपने अधिकारों का सही प्रयोग करें तो नियम विरुद्ध कुछ भी नहीं हो सकता है। अधिकारियों का अभयदान मिल जाए तो कोई भी अवैध काम आसान बन जाता है। विगत दिनों प्रशासनिक अनदेखी से पाई गांव में हुई घटना हम देख, सुन चुके हैं। इसके बावजूद अधिकारियों की कार्यशैली में कोई बदलाव नहीं आया है। धाता विकास खंड के पौली गांव निवासिनी विधवा, भाइयों द्वारा कब्जा की गई भूमिधरी वापस पाने के लिए आला अधिकारियों के चक्कर लगाते थक चुकी हैं। अधिकारी, महिला को यह कहकर टरका दे रहे हैं कि खेतों पर धान की फसल बोई है। सवाल खड़ा होता है कि जिन खेतों पर वर्षों तक महिला का कब्जा था, अचानक फर्जीवाड़ा करके उसके सगे भाई कब्जा कर लेते हैं। विधवा अपने बेटे के साथ प्रयागराज में रहती हैं। चार बीघा खेतों पर फसल बुवाई के लिए महिला जब गांव जाती हैं, तब उन्हें खेतों पर कब्जा होने की जानकारी लगती है। भाइयों के बारे में महिला ने बताया कि एक दिन गांव से दोनों भाई उन्हें विधवा पेंशन बनवाने के लिए खागा तहसील लेकर आए थे। वहीं पर दोनों ने मिलकर फर्जी ढंग से दान पत्र तैयार करा लिए। जिनमें अंगूठा, हस्ताक्षर बनवाकर जमीन हड़पने की साजिश रच डाली। विगत दो महीने से विधवा उर्मिला देवी अपने बेटे को साथ लेकर अधिकारियों से आवश्यक कार्रवाई तथा जमीन वापस दिलाने की गुहार लगा रही हैं। अधिकारी हैं कि धान की फसल उखाड़ने में खुद को असमर्थ बताकर विधवा को वापस लौटा देते हैं। एसडीएम खागा अजय कुमार पांडेय ने बताया कि उक्त प्रकरण संज्ञान में है। जल्द ही पीड़िता को न्याय दिलाया जाएगा।

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