बस्ती। पिछले दस दिनों से ग्राम रौतापार के हजारों ग्रामीण ट्रांसफार्मर जल जाने से ना सिर्फ रात के अंधेरे में बल्कि उमसभरी प्रचंड गर्मी में नारकीय जीवन गुजारने को विवश हैं जो विद्युत विभाग के सक्रियता और लापरवाही की पोल खोल रहा है। ताजा मामला विद्युत उपकेंद्र बनकटी का है। 21 अगस्त को रौतापार का ट्रान्सफार्मर जल गया है।

ग्रामीण कृष्णचन्द्र, राम कुबेर, कन्हैयालाल, नेबू लाल, राम शंकर, राम अवध, राम दयाल, राम प्रकाश आदि लोगों ने दिए गए सूचना व अनुरोध के एक सप्ताह बाद 28 अगस्त को विभाग की कुम्भकरणी नींद टूटी और ट्रांसफार्मर बदलकर नया लगवाया गया। चार से पांच घंटे चलने के बाद वह भी जल गया। तब से समाचार लिखे जाने तक ग्रामवासी राम भरोसे हैं। जबकि हो रही उमस और जान लेवा प्रचंड गर्मी किसी से छिपी नहीं है। सुधी पाठकों को याद दिला दें कि प्रदेश सरकार ने जले ट्रांसफार्मर को चौबीस घंटे में बदलने का हुक्म जारी किया है।

लेकिन विभाग में कायम जंगलराज ने सरकारी आदेश को महत्वहीन कर दिया है। ग्रामीणों ने कहा है काश किसी सांसद, विधायक, मंत्री का गांव होता तो विभाग फौरन तत्परता दिखाता लेकिन ग्रामीणों की विद्युत विभाग हर सम्भव अनदेखी और उपेक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है जो दुर्भाग्य पूर्ण होने के साथ निन्दनीय भी है। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में क्षेत्रीय सांसद विधायक के साथ एम एल सी भी महात्मा गांधी जी के कथित बन्दरों की तरह अपने अपने मुंह,नाक व कान को जनहित के इस मामले में बन्द कर लिया है। देखना तो यह भी है कि रौतापार के ग्रामीणों की विद्युत समस्या का समाधान कब-तक होगा यह अभी वक्त के गर्भ में है।

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