फतेहपुर में भाजपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है, लेकिन इंडिया गठबंधन की समाजवादी पार्टी ने फतेहपुर लोकसभा सीट पर अभी तक उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर पाई है।
आजादी के बाद से 1957 में अस्तित्व में आई लोकसभा सीट में अब तक 16 बार चुनाव हो चुके हैं , इनमें सबसे ज्यादा पांच बार कांग्रेस तो बीजेपी को चार बार सफलता मिली। जनता दल और बसपा के उम्मीदवारों ने दो-दो बार, सपा और लोक दल के प्रत्याशियों को एक-एक बार जीत दर्ज की इसके अलावा 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार को इस सीट पर एक बार सफलता मिली। 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में लगातार बीजेपी से मौजूदा सांसद व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने इस सीट पर कामयाबी हासिल की।
ऐसे में समाजवादी पार्टी में टिकट दावेदारों की परेशानी बढ़ गई है।
वही समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि पार्टी पहले ही कमजोर स्थिति में है, लेकिन देर से टिकट घोषित होने से चुनावी तैयारियों के लिए बहुत कम समय मिलेगा। इसका चुनाव परिणाम पर असर पड़ सकता है।
इस समय कई ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर बात करके जनता को अपने पक्ष में लाया जा सकता है। इलेक्टोरल बॉन्ड, सर्वोच्च न्यायालय के कई निर्णय और भाजपा के कुछ नेताओं पर गंभीर आरोपों को जनता के बीच उठाया जा सकता है। इन्हीं मुद्दों के सहारे लोकसभा चुनाव को भी नई ऊंचाई दी जा सकती है, लेकिन टिकट न हो पाने से नेता-कार्यकर्ता सुस्त पड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए इस बार वापसी करने के लिए बेहतर अवसर हो सकता है। मुस्लिमों के बीच समाजवादी को लेकर समर्थन तेज हुआ है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के साथ साथ उसके गठबंधन से भी चुनावी समीकरण समाजवादी पार्टी को मदद कर सकते हैं। लेकिन इन समीकरणों को चुनाव परिणाम में बदलने के लिए लगातार सक्रिय कार्यक्रमों की आवश्यकता है। लेकिन टिकटों पर स्थिति साफ न होने से सबका ध्यान उसी ओर अटका हुआ है।

समाजवादी पार्टी के टिकट की रेस में कौन

जातीय समीकरण फतेहपुर लोकसभा सीट में करीब साढ़े 19 लाख मतदाता हैं।
इनमें लगभग 4 लाख एससी, 3 लाख क्षत्रिय, ढाई लाख ब्राह्मण, 2 लाख निषाद (केवट), डेढ़ लाख मुस्लिम, एक लाख 20 हज़ार वैश्य व एक लाख 10 हज़ार यादव , पाल के अलावा अन्य जाती के वोटर हैं ।
हालांकि अभी तक तो यह माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी इस चुनाव में पिछड़ी जाति पर ही दांव लगाना चाहती है। फतेहपुर लोक सभा क्षेत्र की जहानाबाद विधान सभा क्षेत्र के लहुरी सरांय गांव के रहने वाले सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल भी प्रबल दावेदार माने जा रहे थें। हालांकि अभी तक उनकी दावेदारी पर अधिकृत घोषणा न होने से अभी तक कार्यकर्ता ऊहापोह की स्थिति में है , वही फतेहपुर जिले के पूर्व विधायक जी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद से तरह तरह की चर्चाओं का दौर जिले में गर्म हैं ।

समाजवादी पार्टी से प्रत्याशियों की दौड़ में पूर्व में बीजेपी से सांसद राह चुके अशोक पटेल व समाजवादी पार्टी महासचिव व बीएसपी से सांसद रह चुके विशंभर प्रसाद निषाद, फतेहपुर मॉडल बार एशोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष बलिराज उमराव, जगदीश सिंह उर्फ जालिम सिंह व पूर्व जिलाध्यक्ष रामेश्वर दयाल दयालू, क्षत्रिय समाज से पूर्व जिलाध्यक्ष समरजीत सिंह को भी रेस में शामिल माना जा रहा है।

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