मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्तार के परिजनों समेत तमाम सियासी दल इसे एक साजिश बताते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। इसी बीच मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बाराबंकी एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर 4 में प्रार्थना पत्र देकर मुख्तार अंसारी की मौत मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश पारित करने की मांग उठाई।

मुख्तार अंसारी की मौत को लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं। मुख्तार के परिजनों समेत तमाम सियासी दल इसे एक साजिश बताते हुए जांच की मांग कर रहे हैं। इसी बीच मुख्तार फर्जी एंबुलेंस और गैंगस्टर मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने बड़ी मांग उठाई है। मुख्तार के अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने गैंगस्टर मामले की पेशी के दौरान बाराबंकी एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर 4 में प्रार्थना पत्र देकर मुख्तार अंसारी की मौत मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश पारित करने की मांग उठाई।

एफआईआर दर्ज की कराने की मांग
उन्होंने प्रार्थना पत्र देते हुए कहा कि 21 मार्च की पेशी के दौरान मुख्तार की तरफ से दिए गए प्रार्थना पत्र को मृत्यु कालीन कथन मानकर एफआईआर दर्ज की जाए। अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने कहा कि उस प्रार्थना पत्र में मुख्तार अंसारी ने बीती 19 मार्च को खाने में विषाक्त पदार्थ खिलाने का जिक्र किया था। इसलिए बांदा जिला कारागार के सभी सीसीटीवी और वॉल कैमरे फुटेज सुरक्षित की जाए। साथ ही निरीक्षण के नाम पर जेल में रात को आने वाले सभी अधिकारियों की इंट्री को भी संरक्षित किया जाए।

जेल अधीक्षक के दावे को गलत बताया
पेशी के दौरान बांदा जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा वर्चुअली पेश हुए और उन्होंने मुख्तार की मौत पुष्टि की। उन्होंने मुख्तार की मौत को नेचुरल डेथ बताया। जबकि अधिवक्ता रणधीर सिंग सुमन ने जेल अधीक्षक के दावे को गलत बताया। जिस पर जज कमलकांत श्रीवास्तव ने जेल अधीक्षक को अगली तारीख 4 अप्रैल को डेथ सर्टिफिकेट जमा कराने का निर्देश दिया।

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