आगरा। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है और कहा जाता है कि इससे समृद्धि और खुशियाँ आती हैं और सभी नकारात्मकता और बीमारियाँ नष्ट हो जाती हैं। इस साल होली सोमवार 25 मार्च को खेली जाएगी, जबकि होलिका दहन रविवार 24 मार्च को मनाया जाएगा।
नजदीक आ चुके होली, ईद, नवरात्र के त्यौहार तथा आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोकप्रिय एवं सुप्रशिद्ध वरिष्ठ समाजसेवी राजेश खुराना ने इस पावन अवसर पर सभी जनपद वासियों को होली एवं ईद की अग्रिम शुभकामनाएं व्यक्त कर सभी संभ्रांत लोगों से अपील करते हुए कहा कि त्योहारों को शांति और सद्भाव पूर्ण तरीके से मनाएं। होली का पर्व एक सामाजिक समरसता का पर्व है। इस पर्व को सभी व्यक्ति अपने पारस्परिक भेदभाव, शत्रुता, मत, पंत, जाति बुलाकर स्नेह के साथ होली का पर्व मनाते हैं। होली और माहे रमजान साथ – साथ हैं। इसलिए त्यौहार पर आपसी सौहार्द और शांति बनाएं रखें। होली के पर्व पर ऐसा कोई कार्य ना किया जाएं जिससे किसी की स्वतंत्रता को आघात ना किया जाएं। इसलिये जनपद के समाजसेवियों की सभी से अपील की हैं कि शांतिपूर्ण व सौहार्द पूर्ण होली एवं रमजान पर्व मनाएं क्योकि आपसी सौहार्द एवं भाईचारे के लिए आगरा का इतिहास हमेशा से अच्छा रहा है। इस परंपरा और यहां की संस्कृति एवं गंगा जमुनी तहजीब को अछून्य बनाए रखना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। सभी लोग संयम, मानवता, संवेदनशीलता, शालीनता, प्रेम, भाईचारा और सौहार्द का पालन करते हुए धार्मिक भावनाओं को आहत किए बगैर तोहार को पूरे उत्साह के साथ मनाएं। सभी संभ्रांत लोगों से अपील हैं कि अपने आसपास के युवाओं के साथ बैठकर उन्हें नैतिक एवं मानवीय मूल्यों से परिचित कराएं की होली पर्व एवं माहे रमजान के दृष्टिगत होने वाले आयोजन के दौरान किसी प्रकार के मादक पदार्थों का प्रयोग ना करें। होली का त्यौहार आपसी भाईचारे व सौहार्द का त्योहार है। इसे आपस में मिलजुल कर मनाएं। होलिका परंपरागत ढंग से जलाएं। बिना अनुमति के डीजे ना बजाएं तथा नशा करके वाहन ना चलाएं। कपड़ा फाड़ व कीचड़ से होली ना खेलें। बल्कि रंग व गुलाल से होली का त्यौहार मनाएं। ध्यान रहें जो होली ना खेले उसे जबरन रंग ना लगाएं। किसी भी प्रकार की अभद्रता व हुड़दंग ना करें। योगीजी ने त्योहारों में धार्मिक परंपराओं और आस्था को पूरा सम्मान दिया हैं, लेकिन अराजकता स्वीकार नहीं की।
श्री खुराना ने आगे कहा कि होलिकोत्सव, रमजान, ईद, नवरोज़, चैत्र नवरात्र, राम नवमी आदि महत्वपूर्ण पर्व- त्योहारों एवं लोकसभा चुनाव के कारण अनेक स्थानों पर कार्यक्रम आदि लगेंगे लेकिन उल्लास और उमंग के बीच कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। हम सभी को त्योहारों पर शरारती तत्वों से सतत सतर्क-सावधान रहना होगा। पिछले सात साल से प्रदेश में सभी धर्म-सम्प्रदाय के पर्व-त्योहारों के आयोजन शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुए हैं। इस क्रम को आगे भी बनाये रखना होगा। पर्व-त्योहार में शासन द्वारा सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दिया जा रहा हैं। अश्लील/फूहड़ गीत कतई न बजाएं। धर्मस्थलों पर रंग न डाले। छोटी सी अफवाह माहौल को बिगाड़ सकती है। इसलिए होली के पर्व पर ऐसा कोई कार्य ना किया जाएं जिससे किसी की स्वतंत्रता को आघात ना किया जाएं। आने वाले दिनों में कई त्यौहार साथ – साथ हैं इसलिए त्यौहार पर आपसी सौहार्द और शांति बनाएं रखें। त्यौहार को हम मिलजुलकर सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाएं। इसमें सर्व समाज की सहभागिता होनी ज़रूरी हैं। सभी स्वस्थ्य मन एवं भाईचारे के साथ त्यौहार का आनन्द उठाएं और कोई भी कार्य परम्परा से हट कर ना करें। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर आपस में ना उलझें, उसकी सुचना तत्काल पुलिस को दें। किसी समाज का त्यौहार हम सब के लिए एक हैं,चाहें वो किसी भी धर्म का हों। रमजान और होली का पर्व एक साथ पड़ने की बजह से धार्मिक सद्भाव बनाएं रखना बहुत जरूरी हैं। होली के पर्व पर ऐसा कोई कार्य ना किया जाएं जिससे किसी की स्वतंत्रता को आघात ना किया जाए। होली सभी के जीवन में रंगों और प्रेम की बहार लेकर आये। सभी लोग त्योहार को शांति पूर्ण ढंग से मनाए। होली मे रंग डालते समय इतना ध्यान रखे, ऐसे व्यक्ति पर रंग न डाले जो परहेज करता हो। यदि शरारती तत्व नशे की हालत मे शरारत करें तो उसकी सूचना पुलिस को दे। त्योहार का आंनद ले, किसी को आपके व्यवहार से तकलीफ न पहुंचे इसका विशेष रुप से ध्यान रखे। होली एक धार्मिक त्यौहार हैं। इसे पूरी दुनियां में हिंदुओं द्वारा के साथ मनाया जाता हैं। एक दूसरे के गीले शिकवे को मिटाकर हम सभी को होली के पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाना चाहिए। होली का पर्व का प्राकृतिक सौहार्द का त्योहार है। यह भेदभाव को भुलाकर स्नेह के रंग में रंगने का पर्व हैं। साथ ही ऐसे पर्व सामाजिक समरसता को बढ़ाने का काम भी करते हैं। होली के दिन आपस में मिलजुल कर होली खेले। एक दूसरे को गुलाल लगाये और गले मिले और जो होली ना खेले उसके साथ जबरदस्ती रंग ना लगाएं। शराब पीकर गाड़ी ना चलायें। आने वाले दिनों में होली और शव ए बरात साथ – साथ हैं इसलिए त्यौहार पर आपसी सौहार्द और शांति बनाएं रखें। क़ानून और शांति व्यवस्था बनाएं रखने के लिए प्रशासन एवं पुलिस का सहयोग करना हर एक नागरिक का प्रथम कर्तव्य हैं। अगर किसी के साथ कोई भी आपराधिक घटना होती हैं तो उसकी तत्काल सुचना पुलिस को अवश्य देनी चाहिए। इसी विचार के साथ सभी देशवासियों को होली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई। पावन होली सभी के जीवन में रंगों और प्रेम की बहार लेकर आये।