फतेहपुर ,,जिले के खजुहा ब्लाक की छोटे से गांव में रहने वाले ऐसे बेरोजगार स्टुडेंट्स की बात कर रहे हैं। जिनका जीवन बड़ा ही संघर्ष रहा। ग्रामीण अंचल में जहां शिक्षा के साधन नहीं है। वहां एक छोटी सी कोचिंग चला कर अपना और अपने क्षेत्र के बच्चों का भविष्य सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। जिनकी प्रारंभिक शिक्षा की बात करूं इन्होंने अपने गांव से सुदूर स्थित एक निजी संस्थान से प्राइमरी की शिक्षा ग्रहण किया और वही कक्षा दसवीं तक की पढ़ाई किया।
उनके घर की माली स्थिति बात करें तो पिताजी उनके छोटे से किसान और माता उनका हाथ बटाती है। और घर का कार्य करती थी। घरेलू स्थिति सही न होने के कारण कुछ मित्रों के सहयोग से इलाहाबाद जिले में एक छोटी सी कोचिंग संस्था का संचालन किया और उसी से अपनी आगे की पढ़ाई प्रारंभ किया। वही कोचिंग पढ़कर अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी किया। इसी के द्वारा उन्होंने अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखी। और कभी किसी विद्यालय में पढ़ाने लगते ।कुछ दिनों बाद पिताजी की बीमारी के कारण पुनः वापस घर आना पड़ा । और यहां भी इन्होंने अपने क्षेत्र में बच्चों को शिक्षा देने का कार्य निरंतर जारी रखा है।और अपनी भी पढ़ाई को आज बीएड तक की शिक्षा ग्रहण करके अपने क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के लिए लगातार प्रोत्साहित करते रहते हैं।