फतेहपुर में हज़रत अली का जन्म दिन मनाया गया। जिले की सदर कोतवाली क्षेत्र के जिला अस्पताल के इमरजेंसी गेट के सामने स्थित हाशिम होटल वाले के पुत्र शारुख ने अपनी होटल के समीप स्टॉल लगाकर हज़रत अली के जन्म दिन पर ठंड से राहत पहुंचाने के लिए रास्ते से गुज़रने वाले वाहन व पैदल निकलने वालों को रोक कर और अस्पताल में मरीज़ों व तिमारदारों और स्टॉप को चाय बिस्किट वितरण किया।
इस्लामी कैलेंडर के रज्जब माह की 13 तारीख को यानी 601 ई में हजरत अली का जन्म हुआ था। जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सोमवार 9 मार्च है। इनका असली नाम अली इब्ने अबी तालिब था। आज हजरत अली का जन्मदिन है। आज के दिन सभी मुसलमान एक-दूसरे को हजरत अली के जन्मदिन की बधाई देते हैं और उनके द्वारा कहे गए शांति संदेशों को याद करते हैं। हजरत अली लोगों को शांति और अमन का पैगाम दिया करते थे।
हजरत अली को शिया मुस्लिम समुदाय और सुन्नी मुस्लिम समुदाय हजरत अली को मानते है, हज़रत अली, हज़रत मोहम्मद सल्लाहो अलैह वसल्लम के दामाद थे उनकी बेटी फातिमा से इनकी शादी हुई थी। इनका जन्म मक्का में हुआ था। हजरत अली के बेटे हुसैन ने कर्बला की लड़ाई में भूखे-प्यासे रहकर बताया कि जेहाद किसे कहते हैं। हजरत अली ने अमन और शान्ति का पैगाम दिया और बता दिया कि इस्लाम अहिंसा के पक्ष में है। उन्होंने कहा था कि इस्लाम इंसानियत का धर्म है। उन्होंने हमेशा राष्ट्रप्रेम और समाज से भेदभाव हटाने की कोशिश की। हजरत अली ने कहा था कि अपने शत्रु से भी प्रेम किया करो तो वह एक दिन तुम्हारा दोस्त बन जाएगा। उनका कहना था कि अत्याचार करने वाला, उसमें सहायता करने वाला और अत्याचार से ख़ुश होने वाला भी अत्याचारी ही है।
हजरत अली के संदेश 1. सोच समझकर बोलें। बोलने से पहले शब्द आपके गुलाम होते हैं लेकिन बोलने के बाद आप लफ्जों के गुलाम बन जाते हैं। 2. भीख मांगने से बदतर कोई और चीज नहीं होती है। 3.अपनी सोच को पानी के बूंदो से भी ज्यादा साफ रखो। क्योंकि जिस तरह बूंदो से दरिया बनता है उसी तरह सोच से ईमान बनता है। 4. चुगली करना उसका काम होता है, जो अपने आपको बेहतर बनाने में असमर्थ होता है। 5. अपनी जुबान की हिफाजत इस तरह करो, जिस तरह तुम अपने माल की हिफाजत करते हो।