फतेहपुर जिलाधिकारी श्रीमती सी. इंदुमती के निर्देशन में उपजिलाधिकारी बिंदकी अनिल यादव ने तहसील क्षेत्र अंतर्गत नगर पालिका व ग्राम पंचायतो मे लोगो को ठंड से बचाव हेतु जागरूक करने के लिए एडवाइजरी की प्रति आज सभी कोटेदारों की दी गयी तहसील सभागार में कोटेदारों तथा राजस्वकर्मियों की बैठक की गई, जिसमे निर्देशित किया गया की ग्राम पंचायतों में जन सामान्य को जागरूक करे साथ ही एडवाइजरी की प्रति सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयो, भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर प्रति चस्पा कराई जाय। ग्राम पंचायतों में कोटेदारों द्वारा मुनादी कराई जाय, तत्पश्चात दिए गए निर्देशों के अनुपालन में गांव में कोटेदारों द्वारा मुनादी कराई जा रही है, इसी प्रकार नगर पालिका परिषद/ नागर पंचायतो मे प्रचार प्रसार किया जा रहा है साथ ही सर्वजनिक स्थानों, कार्यालयों तथा भीड़ वाले स्थानो पर एडवाइजरी की प्रति चस्पा कराई जा रही है।
ठण्ड से बचाव हेतु जन सामान्य से अपील
भीषण ठण्ड को दृष्टिगत रखते हुए आम जनमानस को निम्नलिखित सावधानियों बरतने की सलाह दी जाती है।

  1. यथासंभव शरीर के समस्त अंगों को ऊनी/गर्म कपड़ों से ढक कर रखें, पैरों को मोजे व सर को ऊनी कपडों से ढक कर रखें।
  2. गर्म तरल पदार्थों का जैसे चाय, गर्म पानी, सूप का अधिक से अधिक सेवन करें, शरीर में पानी की कमी न हो पाये, इसके लिए गर्म पानी का सेवन नियमित अन्तराल पर करते रहें।
  3. उल्टी दस्त (कोल्ड डायरिया) के लक्षण प्रकट होने पर यथाशीघ्र चिकित्सालय में चिकित्सक से सम्पर्क करें।
  4. सर्दी से बचाव करने हेतु आग के प्रयोग में विशेष सावधानी बरतें जैसे बन्द कमरे में अंगीठी जलाकर न सोयें, ऐसा करने से कमरे में विषैली गैसें, जैसे कार्बन मोनो आक्साइड उत्पन्न होती है जो कि जानलेवा साबित हो सकती है।
  5. आग अथवा हीटर का प्रयोग खुले स्थान पर ही करें, ताकि शरीर में ऑक्सीजन की कमी न हो पाये।
  6. शुगर व हाइपरटेंशन (उच्च रक्त चाप) के रोगी अपनी दवायें नियमित रूप से लेते रहें व शुगर या ब्लड प्रेशर की मॉप नियमित कराते रहें।
  7. वृद्वजन व हृदयरोगी सुबह भ्रमण पर न निकलें, ठण्ड में हार्ट अटैक की संभावना अधिक होती है। अतः हृदय रोगी व उच्च रक्त चाप के रोगी ठण्ड से बचाव के विशेष उपाय करें।
  8. यथासंभव घने कोहरे में वाहन न चलायें। अतिआवश्यक होने पर ही घर से निकलें। वाहन धीमी रफ्तार से ही चलायें तथा फॉग लाइट का प्रयोग करें।
  9. जिन व्यक्तियों के पास रहने के लिए उपयुक्त स्थान न हो, वह जिला प्रशासन द्वारा स्थापित किए गए रैन बसेरों में निवास करें, खुले में न सोयें।

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