फतेहपुर। वादकारियों की समस्याओं को लेकर गुरूवार सिविल अधिवक्ता मंच व सामाजिक चेतना मंच के पदाधिकारियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रधानमंत्री को संबोधित सात सूत्रीय ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपकर सभी मांगों को शीघ्र पूरा किए जाने की मांग की।

सिविल अधिवक्ता मंच के प्रांत संयोजक आरपी मौर्य एडवोकेट की अगुवाई में पदाधिकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा। जिसमें बताया कि सिविल व राजस्व एवं क्रिमिनल सहित विभिन्न प्रकार के वाद जो न्यायालयों में चल रहे हैं उनमें से 90 प्रतिशत वाद समाज के पिछड़े व दलित समाज के होते हैं। जिन पर राजस्व व सिविल व अन्य प्रकार के न्यायालयों द्वारा सिर्फ तारीख बढ़ाई जाती है वह भी बिना सुविधा शुल्क के नहीं। इस पर तत्काल विचार किया जाए। न्यायालयों में चल रहे वादों में देरी के कारण में पुराने कानून का होना प्रमुख है क्योंकि विधानसभा व लोकसभा स्तर से पुराने कानूनों व नियमों में कोई संशोधन व्यापक रूप से विगत देश स्वतंत्र होने के बाद नहीं किया गया है। न्याय विभाग की अदालतें मस्त हैं और वादकारी हर माह तारीख पर दौड़ते त्रस्त हैं और अधिवक्ता हड़ताल पर जिला न्यायालयों पर रहते हैं। न्याय विभाग में जनता के वादों के निस्तारण में कोई रूचि न लेकर केवल कार्य का कोटा पूरा करने की जुगाड़ में रहती है। वर्तमान में विधानसभा व लोकसभा आदि कानून बनाने वाली संस्था में विगत 1980 के बाद पैक्टिसिंग वकीलों की संख्या दिनों दिन आर्थिक कारणों से शून्य हो गई है इसलिए कोई भी आवाज कानूनों में सुधार हेतु नहीं उठ पा रही है। उच्च न्यायालय से विभिन्न जिला न्यायालयों में पहले समय पर प्रशासनिक जजों के जरिए जांचे होती थी लेकिन वर्तमान में कार्रवाई नगण्य हो गई है। यदा-कदा घंटा दो घंटा के बाद समाप्त हो जाती है। प्रदेश में आधी से अधिक आबादी गरीब, पिछड़े, दलितों व अल्पसंख्यकों की है। जिसमें ग्रामीणांचल पर आधी आबादी में जबरदस्त छुआछूत, ऊंच-नीच का मर्ज व्याप्त है। बड़ी जाति के लोगों के सामने आधी आबादी अपने घर दरवाजे एवं शादी ब्याह में चारपाई व तख्तों तक में बैठने नहीं पाते हैं। आवश्यकता समाज सुधार की है। प्रधानमंत्री से सभी मामलों को गंभीरता से लेते हुए न्याय दिलाए जाने की गुहार लगाई। इस मौके पर हेमंत कुमार मौर्य, एके प्रजापति, ओम प्रकाश पाल, सुजीत सिंह सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।

रिपोर्र – धीरेंद्र कुमार जर्नलिस्ट

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