हिंदू धर्म जैन धर्म और सिख धर्म प्रमुख रूप से मनाए जाने वाले त्योहारों में से दीपावली एक प्रमुख त्यौहार है यह नाम संस्कृत शब्द से दीपावली से लिया गया है इसका अर्थ है रोशनी की पंक्ति यह त्यौहार आमतौर पर अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक माना जाता है ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को माता लक्ष्मी हुआ था इसलिए दीपावली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार ईस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से सुख समृद्धि यश और वैभव की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं हिंदू धर्म में इस बात का वर्णन मिलता है कि जब देवता और असुर मिलकर समुद्र मंथन कर रहे थे तब समुद्र मंथन से 14 रत्न की प्राप्त उत्पत्ति हुई थी जिनमें से एक माता लक्ष्मी भी थी ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था इसलिए दिवाली के दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है शास्त्रों में इस बात का वर्णन भी मिलता है जब कि जब नरकासुर नाम के राक्षस ने तीनों लोकों में अपने आतंक से हाहाकार मचा दिया था तब सभी देवी देवताओं व ऋषि मुनि उसके अत्याचार से परेशान हो गए थे तब भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था इसी विजय के उपलक्ष में दो दिन तक खुशियां मनाई गई थी जिसे नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीवाली और दिवाली के रूप में मनाया जाता है यह त्योहार हमारे सुख समृद्धि इतिहास संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करने का एक शक्तिशाली अवसर है दीपावली का प्राचीन नाम दीपमाला था दीप का अर्थ होता है दीपा किया दिया माला का अर्थ होता है पंक्ति या लाइन यह एक रोशनी प्रकाश का मुख्य त्यौहार है दीपावली रोशनी ही नहीं बल्कि आपसी प्रेम और भाईचारा कभी त्यौहार है बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश पर विजय का प्रतीक है इस दिन धन संपदा का आशीर्वाद पाने के लिए माता लक्ष्मी की पूजा हर जगह की जाती है इस दिन लगभग लगभग सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं दीपावली को दीप पर अर्थात दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है भगवान श्री राम जब लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे तो उसी दिन अयोध्या नगरी में दीपों से जगमगा रही थी ।
जैन परंपरा के अनुसार दीप जलाने की प्रथा पहली बार 527 ईसा पूर्व में भगवान महावीर के निर्माण के दिन शुरू हुई थी जब 18 राजा जो महावीर की अंतिम शिक्षाओं के लिए एकत्रित हुए थे उन्हें राजाओं ने एक उदघोषणा जारी की थी की महान प्रकाश महावीर की याद में दीप जलाया जाए
अमृतसर के स्वर्ण मंदिर का निर्माण भी दीपावली के दिन ही शुरुआत हुआ था इसलिए सिख धर्म में भी यह त्यौहार प्रमुख रूप से मनाया जाता है एकता और अखंडता के इस पावन पर्व से हमें आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है या त्योहार हमेशा यह सिखाता है कि कभी भी अंधकार से डरना नहीं चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल देती है इसलिए हमें हर समय अपने जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए