ब्रेकिंग फतेहपुर

एंकर – जी हां फतेहपुर जिले में तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि से सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा वहीं किसानों की समस्या भी बढ़ गई तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि किसानों की मेहनत पर किस पत्थर और पानी पड़ गया कि सैकड़ों बीघा धान व आलू की फसलें जलमग्न हो गई कुदरत की मार का सताया गरीब किसान आखिर कहां जाएं किससे रोये अपना दुखड़ा क्यों कि भारत एक ऐसा कृषि प्रधान देश है जहां उसी धान की पराली का धुआं दो दिन में दिल्ली तक पहुंच जाता है और सरकार भी आदेश कर देती कि अगर पराली जलाई तो मुकदमा दर्ज हो जाएगा परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण विषय है कि इस धान की फसल की बर्बाद होने की रिपोर्ट दो साल तक तहसील भी नहीं पहुंच पाती है ऐसे भ्रष्ट सिस्टम में आखिर किसान कहां जाए किससे रोये अपना दुखड़ा क्यों कि रिपोर्ट पहुंचते पहुंचते तो किसानों के बच्चे भूखे मरने कगार पर आ जाते हैं जहां एक तरफ सरकार किसने की आय दोगुना करने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाती हैं परंतु फसल बर्बाद होने की रिपोर्ट तहसील तक पहुंचने में 2 साल का समय लगना यह कहीं ना कहीं सरकार के मंसूबों पर जनता के प्रति अधिकारियों का टहलूवा चूरन साबित होता है

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