स्कूली बच्चों को सेहतमंद रखने के लिए अभियान चलाकर कीड़ा मारने और आयरन की दवाएं खिलाई जाती हैं। लेकिन इस कार्य में लगे जिम्मेदार कार्यक्रम को लेकर कितना गंभीर हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आयरन और एलबेंडाजोल की दवाएं सोमवार को कूड़े के ढेर पर पाई गईं। इनका वितरण करने का जिम्मा जिसे सौंपा गया था उन लोगों ने ये दवाएं बांटने के बजाए अपने पास ही रख रखी और जब एक्सपायर हो गई तो फेंक दी।

सोमवार को कस्बा के सुबेहा मोड़ के पास कूड़े में 100 से अधिक आयरन एंड फोलिक एसिड सीरप और एलबेंडाजोल की टैबलेट पड़ी मिली हैं। सिरप की एक्सपायरी अक्टूबर 2023 है वहीं एलबेंडाजोल अगस्त 2023 में ही एक्सपायर हो चुकी हैं।

दोनों पर सरकार की ओर सप्लाई तथा नॉट फार सेल लिखा हुआ है। स्वास्थ्य कर्मियों की माने तो टीकाकरण के लिए गांवों को जाने वाली टीमों और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को ये दवाएं बच्चों को खिलाने के लिए दी जाती हैं। आरोप है कि जिन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई उन्होंने अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन करने के बजाए दवाओं का वितरण नहीं किया और जब एक्सपायर हो गई तो इन दवाओं को कूडे में फेंक दिया। इस बाबत हैदरगढ़ सीएचसी अधीक्षक डॉ. ओपी कुरील कहते हैं कि मामला संज्ञान में आया है जांच कराई जा रही है।

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