फतेहपुर। बुंदेलखंड के सभी जिलों में बेजुबान गौ वंश के ठंठ और भूख से हो रही मौत को बुन्देलखण्ड राष्ट्र समिति द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौप न्याय की गुहार लगाई। ज्ञापन के माध्यम से बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय ने लिखित रूप से अवगत कराया कि ’बुंदेलखंड के सभी जिलों में अस्थाई व स्थाई गौशाला पर अक्सर मौतों की खबरे लगातार मीडिया व सोशल मीडिया में रहती है। वहीं आंशिक तौर पर कार्यवाही भी की जाती है। बाँदा के बिसंडा क्षेत्र में ग्राम कैरी स्थित गौशाला में गायों की मौत का मामला सामने आया। खबर की जानकारी होने पर बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के जिला अध्यक्ष पीसी पटेल ने स्वयं मौके पर जाकर देखा। वहीं डीएम अनुराग पटेल को शिकायत की थी। दैनिक समाचार व अन्य स्रोतों पर प्रकाशित खबर का संज्ञान लेकर डीएम ने स्वयं गांव जाकर गौशाला का निरीक्षण किया।
वहीं मौके पर पीसी पटेल ने मृत गायों को दिखाया तो ग्राम सचिव अंकित अवस्थी अड़ंगा अड़ाने लगे। इस पर डीएम ने कार्यवाही के निर्देश दिए। ग्राम सचिव अपने ऊपर कार्यवाही से ऐसा कुंठित हुए कि ज़िम्मेदारी से बचने के लिए दुराग्रह में शिकायतकर्ता पीसी पटेल पर सरकारी काम में बाधा, आईटी एक्ट अंतर्गत धारा 186, 283, 67 के तहत एफआईआर लिखवाई है। साथ ही सरकार की महत्वपूर्ण योजना को दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया स गौरतलब है ’ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवों और प्रधानों ने ऐसा स्थानीय गंवई भ्रस्ट तंत्र विकसित कर रखा है’ कि जो शिकायत करें उसको फर्जी मुकदमों में फंसवा दो ताकि उनकी सरकारी दबंगई और भ्रष्टाचार की गंगा अविरल बहती रहे। यह बाँदा समेत आसपास बुंदेलखंड के जनपदों की ओछी मानसिकता है। ’मासिक वेतन के बावजूद लाखों रुपयों की तमाम विकास योजनाओं में पलीता लगाने की यह परंपरा पिछले दो दशक से चल रही है। यही वजह है यह कृत्य भ्रष्टाचार का बरगद बनकर गांवो को बदहाल कर रहा है’। राज्य और केंद्रीय बजट कागज़ में खर्च होकर प्रधानों व बीडीओ/ग्राम विकास अधिकारी/सचिवों का विकास कर रहा है। बाँदा ग्राम सचिव की चल अचल संपति देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। फिलहाल वक्त एफआईआर से बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवक दहशत में है। इसी प्रकार फतेहपुर जिले के भेवली गोशाला में भी गौ वंश भूंख प्यास की वजह से मर रहे हैं स जिम्मेदार अधिकारियों तक शिकायत पहुंचने पर भी कोई प्रभावी कार्यवाही नही हो रही है


मझटेनी में गौवंश के लिए हरे चारे और ठंड से बचाव की व्यवस्था धड़ाम

फतेहपुर। विकास खण्ड विजईपुर क्षेत्र के मझटेनी गौशाला में क्षमता से कम मवेशी है फिर भी जो हैं वह भी सूखा चारा खाकर कमजोर और बीमार हो रहे है और तड़प तड़प कर मर रहे हैं।
विकास खंड विजईपुर के मझटेनी गांव में किसानों को अन्ना मवेशियों से निजात दिलाने के लिए करीब एक वर्ष पहले शासन द्वारा मुन्नू बाबा गौशाला का निर्माण कराया गया था जहां करीब 1 सैकड़ा गोवंश रखने की क्षमता है। सेवा के लिए दो गौपालक भी रखे गए थे परंतु अब इस गौशाला की व्यवस्था अव्यवस्था में बदल गई है जहां अभी क्षमता से कम महज 67 जानवर है फिर भी उनके लिए भी हरे चारे की व्यवस्था नही है न ठंड से बचाव की पर्याप्त व्यवस्था है। बुधवार को गौशाला की पड़ताल की गई तो मौके पर 67 मवेशी मौजूद मिले सभी भूखे और दिखने में बेहद कमजोर दिखाई दिए। पता चला कि बीते दिन एक गौ वंश की कमजोरी और बीमारी के बाद तड़प कर मौत हो चुकी थी जिसका शव अभी भी खुले मैदान में पड़ा था और उसके कुछ दूर पर ही एक और दूसरा मवेशी कमजोरी और बीमारी से तड़प रहा था। यहां पर दो टीन शेड थे जिसमें 1 टीनशेड पर तिरपाल लगा कर ठंड से बचाव की व्यवस्था की गई थी तथा दूसरा टीनशेड खुला हुआ था। पानी पीने के लिए समर्सिबल लगाकर तालाब में पानी भरने की व्यवस्था थी। जानवरों के चरही पर सूखा भूसा पड़ा था कुछ मवेशी भूसा खा रहे थे कुछ मैदान पर खुले आसमान के नीचे ठिठुर रहे थे। जब ग्रामीणों से बात की गई तो उन्होंने बताया क्षेत्र में अब भी दर्जनों की संख्या में अन्ना मवेशी घूम रहे हैं जिनसे उनकी फसल चौपट हो रही है।

गौशाला की दुर्दशा पर सचिव हेमन्त सिंह ने रटे अंदाज में बताया हरा चारा की बुवाई की गई है पशु आहार पर्याप्त मात्रा में है ठंड से बचाव के लिए तिरपाल लगाया गया है बीमार जानवरों का इलाज कराया जाएगा और मृतक को दफनाया जाएगा। पशु चिकित्सक डा० देवेंद्र सिंह ने कहा कि जब तक मवेशियों को पर्याप्त मात्रा में हरा चारा नहीं मिलेगा वह कमजोर रहेंगे और बीमार भी होंगे । जानकारी मिलने पर बीमार गौवंश का नियमित इलाज किया जाता है पर कुपोषण के चलते उन्हें कोई खास लाभ नहीं होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here