सरस्वती शिशु विद्या मंदिर इंटर कॉलेज खागा में अध्ययनरत भैया बहनों के दादा-दादी को आमंत्रित कर एक भव्य सम्मेलन का आयोजन हुआ कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर ब्रजमोहन जी पांडे श्री प्रताप सिंह जी एडवोकेट एवं श्री ओमप्रकाश जी गुप्त ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं पुष्पचन से की अतिथि महानुभावों के परिचय के साथ ही सरस्वती विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य श्री गजेंद्र सिंह जी ने सम्मेलन के उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की श्री गजेंद्र सिंह जी अपने उद्बोधन में कहा कि बच्चों के मानसिक एवं चारित्रिक विकास के लिए दादा-दादी का घर में होना अनिवार्य है वह बड़े ही भाग्यशाली हैं जिन्हें अपने दादा-दादी का स्नेह मिलता है तथा उन्हें पृथ्वी पर ही दादा दादी के रूप में भगवान मिल जाते हैं दादा-दादी यदि शिक्षक नहीं है तो वह किसी भी दशा में शिक्षक से कम भी नहीं है दादा-दादी अपने अनुभव एवं समझ के आधार पर समाज के प्रगति में सहायक सिद्ध होते हैं विद्यालय के वरिष्ठतम आचार्य श्री राजेंद्र सिंह जी ने भी अपने अनुभवों को सभी के साथ साझा किया भैया आदित्य सिंह ने अपने गीत ”मां बाप को मत भूलना” प्रस्तुत कर सभी को आश्रुमय कर दिया श्री राकेश शुक्ला जी ने संस्कृत में उद्बोधन करते हुए कहा कि वह देश जहां संयुक्त परिवार की प्रथा है सदैव प्रगति करता है अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में श्री बृजमोहन पांडे जी ने सचेत करते हुए कहा कि क्या हम दादा-दादी के रूप में अपनी दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं सरस्वती शिशु मंदिर के प्रधानाचार्य श्री प्रकाश चंद्र जी ने सभी का आभार व्यापित किया इस अवसर पर कार्यक्रम प्रमुख के रूप में श्री राम कुमार विश्वकर्मा श्री अनिल प्रकाश श्रीवास्तव श्री जमुना प्रसाद जी गुप्त समस्त आचार्य बंधु एवं आचार्या बहने एवं समस्त विद्यालय परिवार उपस्थित रहे।

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