न्याय देने की बजाय पुलिस अधीक्षक ने पीड़ित से कहा कि तुम अपने बेटियों को संभालकर रखो–पीड़ित व्यक्ति
फतेहपुर जनपद असोथर थाना क्षेत्र के रहने वाले एक पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी ससुराल खागा कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में हैं जहां से उसकी 14 वर्षीय पुत्री रहकर एक सरकारी कमपोजिट विद्यालय में पढ़ाई करती है जहां गांव पर ही रह रही अपनी सहेली के यहां अपना विषय पूरा करने के लिए कॉपी लेने गई थी जहां पीड़ित ने बताया कि उसके पुत्री के साथ उसके मामा की लड़की भी थी जहां गांव के ही कुछ लोगों के द्वारा उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया गया था।जहां सूचना पर पीआरवी की टीम भी पहुंची थी और मुलजिम को गिरफ्तार कर कोतवाली ले आई थी और पीड़ित पक्ष को भी कोतवाली बुला गई थी जहां पीड़ित ने बताया कि कोतवाली पहुंचने के बाद पता चला कि वहां मौके पर कोतवाल नहीं थे जिस पर उन्हें घर भेज दिया गया और दूसरे दिन बुलाया गया था जहां पीड़ित ने बताया कि दूसरे दिन जाने के बाद कोतवाली प्रभारी अरुण कुमार चतुर्वेदी उनके साथ भद्दी भद्दी गालियां का प्रयोग करते हुए कोतवाली परिसर से भाग जाने की नसीहत दी और कोतवाली परिसर तथा कोतवाली के इर्द-गिर्द कहीं भी ना घूमने की नसीहत दी थी और पीड़ित ने बताया कि कोतवाली प्रभारी अपने कमरे पर उसके दो सालों को बंद कर बुरी तरह से मारा पीटा भी था और धारा 151 सीआरपीसी के तहत चालान भी कर दिया था।जिस पर न्यूज़ समय तक ने प्रमुखता से खबर चलाई थी जिस पर कोतवाली प्रभारी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुझे किसी का डर नहीं क्योंकि जो भी बात करना है मेरा वकील करता है और जिसको जितनी खबर चलानी हो चला ले मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि इसके पहले भी मैं चार लोगों को नोटिस भिजवा चुका हूं और इनको भी हाई कोर्ट से नोटिस भिजवाऊंगा। वहीं आज 06 फरवरी को पीड़ित पुनः पुलिस अधीक्षक के सामने पहुंचकर सारी घटना से अवगत कराया जहां पीड़ित ने मीडिया से मुखातिब होते हुए बताया कि पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि आप अपने बेटियों को संभालकर रखें और खागा कोतवाली के प्रभारी जो कर रहे हैं वह बिल्कुल सही कर रहे हैं। वहीं पीड़ित जिलाधिकारी के पास भी पहुंचकर तहरीर देते हुए न्याय दिलाए जाने की गुहार लगाई है।जहां पीड़ित ने यह भी बताया कि अगर उसे न्याय नहीं मिलेगा तो वह अपने बेटियों के साथ आत्महत्या करने के लिए मजबूर होगा।।