बच्चों का लालन -पालन विज्ञानं के बजाय एक कला ज्यादा है – कन्हैया लाल ( सीडीपीओ, तेलियानी )
फतेहपुर मिशन निदेशक नीति आयोग, भारत सरकार नई दिल्ली के सहयोग से जनपद फतेहपुर में जीवन के प्रथम 1000 दिवस परियोजना के अंतर्गत जिले के हाई टच आंगनवाड़ी केन्द्र सनगांव (टेस्टिंग लैब) में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग , एकीकृत बाल विकास परियोजना के निर्देशानुसार आकांक्षी जनपद में बनार्ड वैन लीर फाउन्डेशन तथा विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसायटी के संयुक्त प्रयास से आच्छादित आंगनवाड़ी केन्द्रों कीआंगनवाड़ी कार्यकत्री , आशा , ए. एन. एम. एवं मुख्य सेविकाओं के लिय संवेदनशील परवरिश पर दो दिवसीय क्षमतावर्धन कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। 2 फरवरी 2023 से प्रारंभ हुए इस प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ बाल विकास परियोजना अधिकारी , तेलियानी कन्हैया लाल द्वारा किया गया। शुभारम्भ सत्र के दौरान उन्होंने बताया कि जनपद में प्रथम 1000 दिवस- परियोजना का क्रियान्वयन किया जा रहा है। परियोजना के सफल संचालन हेतु विक्रमशिला एजुकेशन रिसोर्स सोसाइटी द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तेलियानी के आंगनवाडी केन्द्र तारापुर, सहिली , मुचुवापुर , बिलन्दपुर, सनगांव , कसेरुआ तथा सलेमाबाद व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र हसवा के पासी का पुरवा ,हासिमपुर व सीतापुर तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भिटौरा के भदार व शहरी स्वास्थ्य परियोजना के अंधौली व महाजरी में सघन रूप से विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें एकीकृत बाल विकास विभाग व स्वास्थ्य विभाग के समस्त जमीनी कार्यकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता युक्त पालन-पोषण ,प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ताओं की क्षमता वृद्धि , देखभालकर्ताओं/ पालकों की जागरूकता हेतु विशेष रूप से प्रारम्भिक मस्तिष्क विकास में जीवन की संवेदनशील अवधि – गर्भावस्था से 2 वर्ष की आयु तक बच्चों के पालन – पोषण , शिशु एवं बाल हितैषी/उत्तरदायी स्थानों के विकास पर तकनीकी रूप से कार्य किया जा रहा है।
कार्यशाला के दौरान प्रथम सत्र के अंतर्गत वरिष्ठ परियोजना प्रबंधक, विक्रमशिला नम्रता रावत द्वारा मुख्य अतिथि एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। परियोजना समन्यवयक बनार्ड वैन लीर फाउन्डेशन अनुभव गर्ग द्वारा प्रशिक्षण के मुख्य उद्देश्यों से प्रतिभागियों को अवगत कराया गया व सक्रिय सहभागिता एवं सहयोग हेतु अनुरोध किया गया। इस 2 दिवसीय कार्यशाला के प्रथम दिवस में विशेष अतिथि के रूप में ग्राम प्रधान, सनगांव इफ़्तेख़ार खां द्वारा पंचायतों एवं जन प्रतिनिधियों के माध्यम से समुदाय को जागरूक करने हेतु विशेष योगदान पर चर्चा की गई। कार्यशाला के अन्य सत्रों में संवेदनशील परवरिश हेतु जीवन की 5 सरल आदतों , खेल -खिलौने , किस्से -कहानियां , बात -चीत , लाड-प्यार, गीत एवं लोरियों आदि को जीवन के प्रथम 1000 दिवस से जोड़कर होने वाले मस्तिष्क विकास पर अनेक प्रशिक्षण विधियों से प्रशिक्षित किया गया।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस के समापन सत्र में राज्य समन्यवयक , विक्रमशिला छोटे लाल द्वारा कार्यक्रम के अगले सत्रों में प्रशिक्षण के विषयों के बारे प्रतिभागियों से चर्चा की गई तथा प्रशिक्षण से जुड़ाव बनाएं रखने हेतु अनेक रचनात्मक गतिविधयों से अवगत कराया गया। कार्यशाला के अंत में प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रथम दिवस की कार्यशाला का समापन किया गया।