विवेचक के द्वारा सुलह समझौता का बनाया जा रहा है दबाव–पीड़ित

कुछ सफेदपोसों से बचाव के लिए करवाई जा रही सिफारिस

पीड़ित के ऊपर सुलह समझौता का बनाया जा रहा दबाव,सुलह न होने की दशा में जान से मारने की मिल रही लगातार धमकियां–पीड़ित

ऐसे अपराधी को पुलिस कब करेगी गिरफ्तार,क्या फिर कोई बड़ी घटना करवाने के लिए आतुर है गाजीपुर पुलिस?

फतेहपुर जनपद में इन दिनों थाना गाजीपुर की पुलिस लगातार काफी तेजी के साथ सुर्खियां बटोर रही है।लेकिन जिले के आला अफसर भी इस थाने की ओर तनिक भी ध्यान नहीं दे रहे हैं,आखिर क्या है इसकी असली हकीकत?इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत कई ऐसे केस हुए जिनका थानाध्यक्ष आज तक पता लगा पाने में नाकाम साबित होते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं इसी क्रम में आपको बताते चलें कि इसी थाना क्षेत्र के अंतर्गत हाल फिलहाल में सरकी गांव का मामला सामने आया था जिसमें पीड़ित ने पुलिस अधीक्षक को एक तहरीर देते हुए बताया कि खागा कोतवाली के बलरामदासपुर का पुरवा के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह पुत्र स्व0 मान सिंह ने पुलिस अधीक्षक को 27 दिसंबर को एक तहरीर देते हुए बताया था कि उसके भाई महेंद्र को उसकी पत्नी अपने जीजा,भाई और माता पिता के साथ मिलकर जहर दिया गया था। जहां पीड़ित ने बताया था कि उसके भाई की पत्नी अंजू देवी का उसके जीजा रामसनेही के साथ अवैध संबंध भी थे।जहां इस मामले को “न्यूज समय तक” ने काफी प्रमुखता के साथ इस खबर को प्रकाशित किया था जहां थाना गाजीपुर की पुलिस ने आरोपी डा. रामसनेही,अंजू देवी,राजाराम तथा रज्जन देवी के खिलाफ एफआईआर दर्जकर लिया था लेकिन अब पुलिस इन आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम साबित होती हुई नजर आ रही है।जहां पीड़ित ने बताया कि आरोपी डा. रामसनेही दूर दूर से अपने बचाव के लिए सिपारिस कर रहा है और उसकी मदद कुछ सफेद पोस के लोग भी कर रहे हैं इतना ही नहीं पीड़ित ने यह भी बताया कि उसे लगातार सुलह समझौता होने के लिए भी दबाव बनाया जा रहा है और ऐसा न करने पर जान से मारने की लगातार धमकियां दी जा रही है। वहीं इतना सब होने के बावजूद पीड़ित के अनुसार इस घटना की विवेचना कर रहे विवेचक के ऊपर सुलह समझौता का भी आरोप लगाया गया है। वहीं सोचनीय विषय यह है कि इतना सब होने के बाद भी पुलिस सुलह समझौता के पक्ष पर नजर आ रही है।, वहीं सोचने व समझने वाली बात यह है कि आखिर गाजीपुर पुलिस ऐसे अपराधी को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा रही है? क्या जब कोई बड़ी घटना फिर से घटित हो जायेगी तब पुलिस की नींद खुलेगी या फिर भी कुंभकर्णी नींद में सोती नजर आयेगी?अब देखने वाली बात यह है कि जनपद के आला अफसर इस बात को कितना संज्ञान लेते हैं।।?

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