रिपोर्ट – आफताब आलम
रामनगर बाराबंकी।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहाँ एक ओर गायों को गुड़ चना खिलाकर उनकी पूजा करते हैं। वहीं विकासखंड रामनगर की अधिकतर गौशालाओं में भूख प्यास से तड़प रहे मवेशी अपनी भूख मिटाने के लिए मिट्टी और गोबर खाने पर विवश हैं। जबकि सरकार के द्वारा प्रतिमाह गौशाला में निवास करने वाले मवेशियों के लिए लाखों रुपए भेजे जाते हैं। लेकिन जिम्मेदार लोग मवेशियों का चारे पानी की व्यवस्था न करके स्वयं का पेट भरने में जुटे हैं। ज्ञात हो कि छुट्टा मवेशियों के निवास के लिए सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च कर ग्रामपंचायतों में गौशालाओं का निर्माण करवाया गया। और उसमें रहने वाले मवेशियों के लिए भूसा हरा चारा चोकर सहित उनकी सुख सुविधा के लिए प्रतिमाह लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है। इसके बावजूद विकासखंड रामनगर की ग्राम पंचायत लैन व सिलौटा में संचालित गौशालाओं में सैकड़ो की संख्या में बंद छोटे-बड़े मवेशी भूख प्यास से तड़प रहे हैं। इन गौशालाओं में मवेशियों के लिए कोई इंतजाम न होने के कारण खुले आसमान के नीचे धूप बरसात ठण्ड में मवेशी माटी गोबर खाकर जिंदगी के लिए संघर्ष करते है। जिसके चलते तमाम मवेसी काल के गाल में भी समा जाते है। मृत मवेशियों की संख्या उच्च अधिकारियों से छुपाने के लिए चतुर चालाक जिम्मेदार बाहर घूमने वाले छुट्टा मवेशियों को पकड़वाकर उनकी संख्या पूर्ण करते रहते हैं। जिससे तमाम बिना टैग लगे मवेसी गौशाला में बंद है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि यदि उच्च अधिकारियों द्वारा समय समय पर इन गौशालाओं का स्थलीय निरीक्षण किया जाए तो भ्रष्टाचार पर लगाम लग सकता है। लोगों का यह भी कहना है कि सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद धीरे-धीरे देसी गायों की नस्ल समाप्त होती जा रही हैं।
नाम न छापने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि गौशाला में आए दिन मवेशियों की मौतें होती रहती है ग्राम प्रधान के द्वारा आनन-फानन में गड्ढे खोद कर ढक दिया जाता है इस संबंध पूछे जाने पर बीडीओ मोनिका पाठक ने कहा अभी तत्काल टीम भेजकर जाँच करवाते हैं।