बिग ब्रेकिंगन्यूज़ कौशाम्बी
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🔥 लोकनाथ विश्वकर्मा कांड में आरोपी और पुलिस की सेटिंग गेटिंग खेल का बड़ा खुलासा
👉 आरोपीयों को प्राप्त हुआ पुलिस का आशीर्वाद
👉 पीड़ित लोकनाथ ने पुलिस पर लगाए गम्भीर आरोप
👉 पुलिस को मिला गुलाबी चॉकलेट का स्वाद तो नहीं आगे बढ़ेगी बात बस चॉकलेट का ब्रांड सही होना चाहिए
👉 सुलह समझौता करने के लिए पुलिस लगातार पीड़ित पर बना रही है दबाव सुलह न करने की स्थिति पर फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की थी धमकी
👉 वही पीड़ित ने कहा अगर मेरे साथ अगर कोई होता है हादसा तो थाना अध्यक्ष होंगे जिम्मेदार
👉 बहुत जल्द ही पूरे प्रकरण में और भी हो सकते हैं बड़े खुलासे
🖊️ पवन कुमार श्रीमाली🖊️
💫 सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ की जीरो टॉलरेंस नीति का असर जहां उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि संपूर्ण भारतवर्ष में इस कदर है कि योगी मॉडल की कार्रवाई कई राज्यों में प्रचलित हो चली परंतु बड़े ही अफसोस की बात है कि कौशांबी जिले के महेवा घाट थाना पुलिस ने तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की छवि धूमिल करने की कसम ही खा रखी है शायद टालरेंस नीति का इस थाने में कोई फर्क नहीं पड़ता ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि दिनांक 26/6/2024 थाना क्षेत्र अढौली ग्राम निवासी लोकनाथ विश्वकर्मा के घर में घुसकर गैर जनपद के निवासी संदीप फौजी व पड़ोसी दबंग किशनपाल सहित सात लोगों ने जानलेवा हमला किया जिसमें लोकनाथ विश्वकर्मा को गंभीर चोटें आए पुलिस ने पीड़ित की रिपोर्ट तो दर्ज कर ली परंतु गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाते हुए नहीं कराया पीड़ित का मेडिकल पीड़ित के द्वारा उच्च अधिकारियों से शिकायत करने पर पुलिस ने उच्च अधिकारियों को भी किया गुमराह सफाई के तौर पर पुलिस के द्वारा डेढ़ माह बाद मेडिकल के लिए बनाई गई मजलूमी चिट्ठी सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई वहीं दूसरी तरफ आरोपी पीड़ित के ऊपर सुलह समझौते के लेकर तरह-तरह के दबाव बनाते रहे जब बात नहीं बनी तो मोर्चा संभालते हुए पुलिस ने पीड़ित को सुलह समझौता के लिए कहा बात न बनने पर दे डाली खुली पीड़ित को ही फर्जी मुकदमे में फंसा कर जेल भेजने की धमकी वहीं पूरे मामले को लेकर थाना अध्यक्ष चंद्रभूषण मौर्य से संपर्क सूत्र पर बात करने पर उन्होंने पीड़ित के आरोपो को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि अगर कोई पुलिस कर्मी ऐसा करता है तो पीड़ित उस पुलिस कर्मी के खिलाफ शिकायत कर सकता है कार्रवाई की जाएगी आखिर पुलिस की ऐसी क्या हो गई मजबूरी कि आरोपियों को बचाना हो गया जरूरी नहीं दिखा पुलिस को पीड़ित का दर्द❓
शेष भाग अगले अंक में