थरियांव बिना पीडब्ल्यूडी की परमिशन के ही थरियांव कस्बे में करीब तीन सौ मीटर जानलेवा नाला खोद दिया गया। मामले पर पीडब्ल्यूडी और जिला पंचायत के अधिकारी पल्ला झाड़ते नजर आए।
हसवा विकास खंड के रामपुर थरियांव स्थित असोथर – थरियांव मार्ग पर सड़क किनारे बने नाले को बिना परमिशन जिला पंचायत अध्यक्ष के इशारे पर खोद दिया गया। जानलेवा नाला आम जनमानस के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। अभी हाल मे ही कस्बे में नाली में गिरकर एक मासूम की मौत हुई थी। कस्बा वासियों में दबी जुबान चर्चा रही कि कस्बे में भाजपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष का कोल्ड स्टोर है। जिसकी पानी निकासी के लिए गहरा नाला खोदा जा रहा है। ग्रामीण जयकरन, इंद्रजीत, ओमाकरण, अजय कुमार, ओमप्रकाश, विनय सिंह आदि का कहना रहा कि सड़क के किनारे दोनों ओर नाले की सफाई नहीं होने से गंदगी का अंबार लगा रहता है। जिससे संक्रमित बीमारी फैलने का अंदेशा बना रहता है। लेकिन अहम बात यह है कि नाला सड़क के दोनों ओर न बनकर महज एक ओर सिर्फ तीन सौ मीटर ही क्यों खोदा जा रहा है। ग्रामीणों में चर्चा है कि बिना परमिशन ही नाले को गहराई से खोदा गया है। जिससे हादसे का भय बना हुआ है। पांच फीट की लम्बे और गहरे नाले एम पानी भरा हुआ है। जो कभी भी हादसे में बदल सकता है। जिससे साफ जाहिर है कि भाजपा नेता द्वारा अपने कोल्ड स्टोर के पानी की निकासी के लिए नाला खोदा जा रहा है। नाला खुदाई की जानकारी के लिए जब पीडब्ल्यूडी विभाग के जेई अजय पाल से पीडब्ल्यूडी विभाग से परमिशन की जानकारी ली गई तो उनका कहना रहा कि नाला जिला पंचायत विभाग से बन रहा है। वहीं एक्सियन से बात की गई तो उनका कहना रहा कि पानी निकासी के लिए नाले की सफाई हो रही है। इसके अलावा जिला पंचायत के अवर अभियंता आनंद रॉय से नाला निर्माण का बजट और समय सीमा की जानकारी ली गई तो नही बता पाए। ये भी कहा जा सकता है कि जिम्मेदार अधिकारी अपनी जवाबदेही से बचते नजर आए। मामले पर जिला पंचायत अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह उर्फ पप्पू को फोन किया गया तो उनका फोन नही उठा।

सड़क चौड़ीकरण के बाद सरकारी धन का होगा बंटर बांट – दरअसल थरियांव – असोथर मार्ग का चौड़ीकरण काफी दिनों से चर्चा में है। जोकि अनुमानित बीच सड़क से तीस से पैंतीस फिट चौड़ीकरण का प्रस्ताव पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा पास भी है। विभाग की लचरता की वजह से नहीं हो पा रही है। पूर्व में रहे डीएम अंजनेय कुमार सिंह ने सड़क चौड़ीकरण के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिए थे। जो अभी भी अधूरा है। यदि पीडब्ल्यूडी के मानक से मुताबिक सड़क का चौड़ीकरण तीस से पैंतीस फिट होना है तो फिर नाले का निर्माण महज पच्चीस फिट पर ही क्यों कराया के रहा है। साफ है कि सरकारी धन का बंटर बांट किया जा रहा है। मामला जिले के प्रथम नागरिक से जुड़ा है। इसलिए देखना दिलचस्प होगा कि नाले को सड़क चौड़ीकरण के मानक के मुताबिक बनाया जाएगा या फिर भाजपा नेता की मनमानी के आगे अफसर नतमस्तक नजर आएंगे।

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