आर . गौतम संविधान रक्षक मंडल ब्यूरो प्रमुख कौशाम्बी

उत्तर प्रदेश कि योगी सरकार और स्वास्थ्य विभाग के मंत्री श्री बृजेश पाठक जी कि कड़ी मेहनत के बाद नहीं मिल रही मरीजों को मूल रूप से सुविधा मरीज और मरीज के परिजनों को झेलनी पड़ती है बड़ी परेशानियां ।

कौशाम्बी। मामला उत्तर प्रदेश के डिप्टी सी . एम. केशव प्रसाद मौर्य के गृह जनपद कौशाम्बी के संयुक्त जिला चिकित्सालय मंझनपुर का है जहाँ अस्पताल में एक लगभग 40 से 50 वर्षीय महिला अपने बेटे को स्ट्रेचर पर लिटाकर ले जा रही थी लड़के का एक पैर फैक्चर होने के कारण वह चलने में असमर्थ था उसकी मां अपने बेटे को लिए इधर-उधर भटक रही थी माँ ने बताया कि बेटे के पैर में प्लास्टर तो चढ़ गया है लेकिन मै इसे खुद रूम के बेड तक ले जा रही हूं और कोई स्टाफ मदद नहीं कर रहे हैं , डॉक्टर साहब ने बोला कि जाओ अपने से ले के दिखाओ और इलाज कराओ आखिर अस्पताल में सैकड़ो वार्डब्वॉय कि क्या है जिम्मेदारी, एक परेशान महिला जिसके बेटे का पैर टूटा हुआ है वह अपने बेटे को लेकर अस्पताल में दर-दर भटक रही है,आखिर क्यों कोई स्वास्थ्य कर्मचारी नहीं आए उस महिला कि मदद को इतने कड़े शासन में कैसे इतना लापरवाह हो सकता है स्वास्थ्य विभाग।

जिले में आए नवनिर्वाचित मुख्य चिकित्सा अधिकारी कि छवि को धूमिल करने मे एक कसर नहीं छोड़ते कोई कर्मचारी, अगर अधिकारी ने की जांच तो कर्मचारियों पर गिरेगी गाज।

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