तीन महीने के बच्चे को
दाई के पास रखकर
जॉब पर जाने वाली माँ को
दाई ने पूछा ~
कुछ रह तो नहीं गया ?
पर्स, चाबी सब ले लिया ना ?
अब वो कैसे हाँ कहे ?
पैसे के पीछे भागते-भागते
सब कुछ पाने की ख्वाहिश में
वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है,
वही रह गया है !😑
*शादी में दुल्हन को बिदा करते ही*
*शादी का हॉल खाली करते हुए*
*दुल्हन की बुआ ने पूछा ~*
भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना ?
चेक करो ठीक से ..!
बाप चेक करने गया, तो
दुल्हन के रूम में
कुछ फूल सूखे पड़े थे.
सब कुछ तो पीछे रह गया.
*21 साल जो नाम लेकर*
*जिसको आवाज देता था, लाड़ से,*
*वो नाम पीछे रह गया, और*
*उस नाम के आगे गर्व से*
*जो नाम लगाता था,*
*वो नाम भी पीछे रह गया अब.*
*भैया, देखा ?*
कुछ पीछे रह तो नहीं गया ?
बुआ के इस सवाल पर
आँखों में आये आँसू छुपाता बाप
जुबाँ से तो नहीं बोला, पर दिल में
एक ही आवाज थी ~
सब कुछ तो यहीं रह गया .।😔
*बड़ी तमन्नाओं के साथ बेटे को*
*पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था,*
और वह पढ़कर वहीं सैटल हो गया.
पौत्र जन्म पर बमुश्किल
3 माह का वीजा मिला था,
और चलते वक्त बेटे ने प्रश्न किया ~
सब कुछ चेक कर लिया ना ?
कुछ रह तो नहीं गया ?
क्या जबाब देते, कि अब
अब छूटने को बचा ही क्या है ..!😔
*सेवानिवृत्ति की शाम*
*पी.ए. ने याद दिलाया ~*
*चेक कर लें सर ..!*
*कुछ रह तो नहीं गया ?*
*थोड़ा रूका, और सोचा कि*
*पूरी जिन्दगी तो*
*यहीं आने-जाने में बीत गई.*
*अब और क्या रह गया होगा ?*😔
*श्मशान से लौटते वक्त बेटे ने ...*
*फिर से गर्दन घुमाई,*
*एक बार पीछे देखने के लिए ...*
*पिता की चिता की*
*सुलगती आग देखकर*
*मन भर आया*.
*भागते हुए गया*
*पिता के चेहरे की*
*झलक तलाशने की*
*असफल कोशिश की ....*
*और वापिस लौट आया.*
*दोस्त ने पूछा ~*
*कुछ रह गया था क्या ?*
*भरी आँखों से बोला ~*
*नहीं , कुछ भी नहीं रहा अब.*
*और जो कुछ भी रह गया है,*
*वह सदा मेरे साथ रहेगा .!*😌
एक बार … समय निकालकर सोचें,
शायद … पुराना समय याद आ जाए,
आँखें भर आएं, औरआज को जी भर जीने का
!!.. मकसद मिल जाए ..!!
*यारों ! क्या पता ?*
कब इस जीवन की शाम हो जाये
इससे पहले कि ऐसा हो
दो प्यार भरी बातें कर लो.
ताकि … कुछ छूट न जाये ..!!!