पीड़ित ने मुख्यमंत्री से लगायी न्याय की गुहार
रामसनेही घाट, बाराबंकी।
असन्दरा कोतवाली क्षेत्र निवासी गांव ढ़ेमा के पीड़ित कमलेश गुप्ता पुत्र ब्रह्माराम ने अपने खेतों में 20 वर्षों से यूकेलिप्टस के पेड़ लगाये थे। अपनी पत्नी की बीमारी के लिए रुपयों की सख्त जरूरत पड़ने पर कमलेश ने अपने खेतों में लगाये हुए यूकेलिप्टस के पेड़ बेंच दिये थे।जिसकी सूचना मिलते ही क्षेत्रीय लेखपाल मौके पर जाकर कटी हुई यूकेलिप्टस के पेड़ों को उठाने नहीं दिया यह कहकर कि यह पेड़ सरकारी चकमार्ग पर लगे हुए हैं। जबकि पीड़ित के पेड़ तो खेत में लगे हैं जितने भी किसान है उन सभी के खेतों में कहीं सागौन तो कहीं यूकेलिप्टस के पेड़ लगे हुए हैं और कुछ किसानों ने पहले पेड़ों को कटवाकर बेंच दिया था तब लेखपाल और कानून गो ने नहीं कहा कि कि यह सरकारी चकमार्ग है। पीड़ित को दौड़ा दौड़ाकर काफी परेशान कर दिया है। फिर पीड़ित को बुलाकर तहसील सभागार में राजस्व निरीक्षक नानकशरन सिंह और लेखपाल ने 10,000 रुपये घूस मांगी कि पैसे दे दीजिए और कटी हुई लकड़ी उठा लीजिए। पीड़ित को सभागार में बुलाकर चुप चाप पैसे की बात कही । सभागार में लगे हुए कैमरे सही है तो घूस की पुष्टि हो सकती है ऐसा पीड़ित का कहना है। काफी परेशान होकर पीड़ित ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाते हुए प्रार्थनापत्र दिया है।अब ऐसे में क्या इन तथाकथित घूसखोर लेखपाल और कानूनगो पर कार्यवाही होगी? यह अभी भविष्य के गर्भ में है।