खागा तहसील क्षेत्र के यमुना तटवर्ती 16 किलोमीटर की परिधि में आने वाले सैकड़ो गांव बुंदेलखंड से भी अधिक तबाही की स्थिति से गुजर रहे हैं। 10 वर्षों से लगातार प्रगति की मार झेल रहे हैं इस इलाके की सैकड़ो एकल भूमि में किसानों को खाद बीज व सिंचाई व मजदूरी की लगाई गई लागत वापस नहीं मिली है। फिर भी शासन प्रशासन द्वारा इस क्षेत्र को बुंदेलखंड जैसी सुविधाएं न दिलाए जाने से यहां के लोग भुखमरी की कगार पर आ गए हैं।
उक्त उदगार को भारतीय किसान यूनियन और राजनीतिक के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान ने अपने निज निवास स्थान सेमरा मानपुर में किसानों से एक भेंट के दौरान कही।
उन्होंने बताया कि जहां खागा तहसील क्षेत्र की यमुना तटवर्ती के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित है वही जनपद के जहानाबाद से अमौली, चांदपुर, गौहारी, बारा, पराधनाई, जाफरगंज,मोहनी, दफसौरा समस्तीपुर सहित सैकड़ो गांव बुंदेलखंड जैसी भौगोलिक स्थिति में आते हैं। इधर लगभग 10 वर्षों से गर्मी एवं बरसात के दिनों में पर्याप्त वर्षा न होने तथा जाड़े में ओलावृष्टि हो जाने के परिणाम स्वरूप इस क्षेत्र का किसान कर्ज से डूब चुका है। सरकारी वी महाजनी कर्ज के बोझ तले दबे सैकड़ो किसानों के सामने भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है।
और बताया कि खागा तहसील क्षेत्र के यमुना एवं रिंद नदी के विहार इलाके में बसे सैकड़ो गांव के किसानों को सिंचाई के नाम पर भगवान का ही सहारा रहता है। क्योंकि इस इलाके में कोई भी नहरे रज बहे एवं पंप कैनाल अब तक नहीं बनाए जा सके हैं। सरकारी नलकूप भी वाटर लेवल काफी नीचे चले जाने से सफेद हाथी साबित हो रहे हैं। उच्च न्यायालय ने भी विगत वर्षों यह है आदेशित किया था कि यमुना तटवर्ती बुंदेलखंड के अलावा इस पर के उन गांव में भी वैसी भी सुविधा माया कराई जाए। जहां की उबाल खबर भूल हो उधर शासन द्वारा भी प्रदेश के सभी जिलाधिकारी को निर्देशित किया गया था। की भूख व गरीबों के कारण इलाज क्या भाव में कोई मर ना सके तथा कर्ज व आर्थिक तंगी से उपकार आत्महत्या ना हो इस तरह के निर्देशों के बावजूद तहसील क्षेत्र के इन तबाही की कगार से गुजर रहे लोगों की सुधि अभी तक किसी जनप्रतिनिधि व प्रशासन ने नहीं ली है। बल्कि सरकारी व सहकारी क्रिया की वसूली बदहाली की जिंदगी जी रहे कर्ज से डूबे लोगों से शक्ति से की जा रही है। अलार्म की जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारियों से उन्होंने किसानों के प्रति बातचीत की थी जिस पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर में बताया कि यमुना वह रिंद नदी के सीमावर्ती विहड इलाके के गांवो का सर्वे करने के लिए टीमों का शीघ्र गठन करके वस्तु स्थिति से अति शीघ्र जिलाधिकारी के माध्यम से रिपोर्ट शासन को भेज कर 16 किलोमीटर के ही इलाके को बुंदेलखंड जैसी सुविधाएं दिलाने जाने का प्रयास किया जा रहा है।
प्रदेश उपाध्यक्ष ने यह भी बताया कि प्रत्येक लेखपाल व राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है की संपूर्ण तहसील क्षेत्र में गरीबी व भूख से कोई भी व्यक्ति मौत के मुंह पर ना जा सके। जिस पर उप जिलाधिकारी ने जनप्रतिनिधियों ग्राम प्रधानों तथा विभिन्न संगठनों के लोगों सहित आम नागरिकों से अपील की है कि ऐसी स्थिति से गुजरने वाले परिवारों की सूचना तुरंत उन्हें देकर सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे आने वाले व्यक्तियों वी कार्ड धारकों को मिलने वाला खदान कोटेदारों के माध्यम से निशुल्क वितरित किया जा रहा है।